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गाजीपुर। वरिष्ठ कोषाधिकारी उमेश कुमार उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 समाप्ति की ओर है। शासन की मंशा के अनुसार, फरवरी 2025 तक आवंटित धनराशि का उपयोग 15 मार्च 2025 तक किया जाना अनिवार्य है, वहीं मार्च 2025 में 15 मार्च या उसके बाद आवंटित बजट का उपयोग 31 मार्च 2025 तक सुनिश्चित करना होगा।
निर्धारित समय सीमा रात 8:00 बजे तक कोषागार में बिल प्रस्तुत कर आहरण किया जाना आवश्यक है। इसके उपरांत जो धनराशि उपभोग नहीं की जाएगी, वह स्वतः कालातीत मानी जाएगी। उन्होंने सभी आहरण-वितरण अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे समयसीमा के भीतर बजट का सदुपयोग सुनिश्चित करें या अवशेष धनराशि अपने विभाग के वित्त नियंत्रक को समर्पित कर दें।
ई-कुबेर के अंतर्गत गलत भुगतान का सुधार संभव
कोषाधिकारी ने बताया कि ई-कुबेर प्रणाली के अंतर्गत यदि किसी भुगतान में गलत लाभार्थी (बेनिफिशियरी) का विवरण दर्ज हो जाता है, तो वह राशि डीडीओ पोर्टल के “रिटर्न ट्रांजेक्शन” में जमा हो जाती है। इसे लेखाशिर्षक 8670 के तहत सामान्य देयक प्रपत्र-105 के माध्यम से सही लाभार्थी के खाते में पुनः हस्तांतरित किया जा सकता है।उन्होंने स्पष्ट किया कि 31 मार्च 2025 तक रिटर्न हुए ट्रांजेक्शन का आहरण संबंधित विभाग द्वारा 30 अप्रैल 2025 तक ही किया जा सकता है। इसके बाद यह धनराशि भी कालातीत हो जाएगी।
समय से धनराशि आहरण करने की अपील
वरिष्ठ कोषाधिकारी ने समस्त आहरण-वितरण अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे शासन के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में किसी प्रकार की वित्तीय असुविधा न हो।