महिलाओं ने प्रभारी जिलाधिकारी से की ‘हक़ की बात’

महिलाओं ने प्रभारी जिलाधिकारी से की ‘हक़ की बात’

ग़ाज़ीपुर। महिलाएं भी अब समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर व विकास की मुख्यधारा से जुड़कर आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं । इसमें उनकी मददगार बनी है प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही मिशन शक्ति योजना।

शनिवार को कुछ ऐसा ही दृश्य विकास भवन स्थित मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय पर देखने को मिला। जब मिशन शक्ति 3.0  के अंतर्गत “हक की बात जिलाधिकारी के साथ” के तहत महिलाओं का संवाद कार्यक्रम था। इस वेबिनार में जनपद की एक दो नहीं बल्कि 70 युवतियों व महिलाओं ने एक साथ जुड़कर प्रभारी जिलाधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता से अपने हक की बात की । महिलाओं को शासन के द्वारा मिलने वाली सुविधाओं के बारे में और वह सुविधा किस विंडो से उन्हें कैसे मिलेगी इसकी विस्तृत जानकारी प्राप्त की । मिशन शक्ति 3.0 का यह कार्यक्रम 7 अगस्त से शुरू होकर दिसंबर 2021 तक चलना है । जिसके मध्य अलग-अलग दिनों में अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कार्य करना है।

प्रभारी जिलाधिकारी/सीडीओ श्री प्रकाश गुप्ता ने बताया कि वेबिनार में जनपद के विभिन्न ब्लाक से करीब 70 महिलाएं व युवतियां जुड़ी हुई थीं । उन सभी ने अपने विभिन्न मुद्दों और शासन के द्वारा चलने वाली योजनाओं खासकर महिलाओं के लिए चलने वाली योजना और उसमें मिलने वाले लाभ के बारे में जानकारी लिया। उन्होंने बताया कि उनसे कुछ महिलाओं ने निराश्रित महिलाओं और वृद्ध महिलाओं को पेंशन के संबंध में जानकारी लिया। जिन्हें समाज कल्याण व प्रोबेशन विभाग के द्वारा संचालित इस योजना के लाभ के बारे में जानकारी दी गयी । इसके साथ ही बताया गया कि इसके लिए उन्हें अपने गांव के जन सेवा केंद्र से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। स्वीकृति के पश्चात पैसा उनके खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। शासन के द्वारा चलने वाली अन्य योजनाओं को गांव में स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाएं आत्मनिर्भर बन लाभ उठा सकती हैं।

इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा कुपोषित बच्चों , गर्भवती व धात्री महिलाओं को बंटने वाले अनाज के संबंध में सवाल किया तो सीडीपीओ मरदह राजेश सिंह और सीडीपीओ जमानिया एजाज अहमद ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 माह से 3 वर्ष और 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों को ड्राई राशन ,रिफाइंड तेल, सरसों तेल दिया जाता है। यह उन्हीं को दिया जाता है जो रजिस्टर्ड होते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि पोषण ट्रैकर ऐप फीडिंग चल रही है। यदि आपके क्षेत्र में या जानकारी में कोई बच्चा या गर्भवती पात्रता की सूची में है लेकिन उसे लाभ नहीं मिल रहा है तो इस ऐप पर उसका रजिस्ट्रेशन करा कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को मिलने वाली सुविधा के बारे में अध्यक्ष बाल कल्याण समिति सीमा पाठक ने बताया कि ऐसे बच्चे जिनकी मां – पिता दोनों या फिर एक की मौत हो गई है तो ऐसे बच्चों को ₹4000 प्रतिमाह मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत दिया जाता है। पढ़ाई का खर्च भी सरकार के द्वारा उठाया जा रहा है। इसके अलावा ऐसे अभिभावकों की बेटी की उम्र 18 के ऊपर हो चुकी है तो उनकी शादी के लिए ₹101000 दिए जाने का भी प्रावधान है।

इस दौरान रानी लक्ष्मी बाई महिला सम्मान कोष योजना के बारे में भी महिलाओं को जानकारी दी गई।  इस योजना के अंतर्गत दहेज मृत्यु की दशा में तीन लाख, एसिड अटैक की दशा में सात लाख और पाक्सो एक्ट में केस दर्ज होने पर 3 लाख की सहयोग राशि शासन के द्वारा महिलाओं को दिए जाने का प्रावधान है। किसी भी योजना का लाभ पाने के लिए आधार कार्ड का होना जरूरी है। यदि किसी के पास आधार कार्ड नहीं है तो वह पोस्ट ऑफिस से बनवा कर योजना का लाभ उठा सकते हैं।

वेबिनार में बाल कल्याण समिति के सदस्य महातिम सिंह, संरक्षण अधिकारी गीता श्रीवास्तव ,जिला समन्वयक महिला शक्ति केंद्र शिखा सिंह गौतम मौजूद रही ।