जमानिया। तहसील के सामने रामलीला मंच पर नगर पालिका द्वारा लगाए गए ट्रेड लाइसेंस शुल्क के विरोध में व्यापारियों का धरना प्रदर्शन बुधवार को उपजिलाधिकारी के आश्वासन के बाद एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया गया। व्यापारियों ने नगर की दुकानों को बंद कर धरने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
इस आंदोलन को कांग्रेस कमेटी और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल का समर्थन मिला, जिससे आंदोलन को और मजबूती मिली। सुबह से ही नगर के व्यापारी सक्रिय दिखे और करीब 9 बजे के बाद अपनी दुकानों को बंद कर धरना स्थल पर पहुंचने लगे। 11 बजे तक बड़ी संख्या में व्यापारी धरना स्थल पर एकत्र हो गए। धरने के पांचवें दिन व्यापारियों ने माइक के माध्यम से अपनी बात रखी और एक स्वर में ट्रेड लाइसेंस शुल्क का कड़ा विरोध किया। व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश जायसवाल ने प्रशासन की उदासीनता पर नाराजगी जताते हुए कहा कि देर आए दुरुस्त आए। उन्होंने उपजिलाधिकारी द्वारा धरना स्थल पर आकर व्यापारियों की समस्याओं को सुनने और समाधान का आश्वासन देने के लिए आभार व्यक्त किया। धरना स्थल पर व्यापारियों ने उपजिलाधिकारी अभिषेक कुमार को एक पत्रक सौंपा, जिसमें ट्रेड लाइसेंस शुल्क को वापस लेने, दाखिल-खारिज प्रक्रिया पर रोक लगाने, सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने, सभासदों की शिकायतों का निस्तारण करने और विकास कार्यों के लिए हर महीने बोर्ड की बैठक बुलाने की मांगें शामिल थीं। इस पर उपजिलाधिकारी ने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर इन समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बोर्ड की बैठक में ट्रेड लाइसेंस शुल्क पर चर्चा करने का भी आश्वासन दिया। जिसके बाद व्यापारियों ने करीब 2:30 के बाद अपनी अपनी दुकानों को खोला। धरना स्थल पर व्यापार मंडल के संरक्षक गुड्डू केसरी, जिला महामंत्री विशन शर्मा, तकरेश्वर वर्मा, नारायण दास चौरसिया, वीरेन्द्र मौर्य‚ गणेश वर्मा, बृजेश जायसवाल, गुड्डू शर्मा, बुल्लू गुप्ता, संतोष जायसवाल, धर्मेंद्र, विनोद गुप्ता, मनोज श्रीवास्तव, रामजी शर्मा, जाहीद सिद्दीकी विन्ध्याचल शर्मा सहित दर्जनों व्यापारी मौजूद रहे। संचालन मुन्ना गुप्ता ने किया।
दुकानें रही बंद
धरने के समर्थन में जमानिया कस्बा और स्टेशन बाजार की दुकानें पूरी तरह से बंद रहीं। व्यापारी एकजुट होकर रामलीला मंच पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर जोरदार आवाज उठाई।
पूर्व में सौंपा गया है आपत्ति
ज्ञात हो कि व्यापारियों ने पूर्व में 236 व्यापारी और 16 सभासदों के हस्ताक्षर युक्त प्रार्थना पत्र नगर पालिका के कर निरीक्षक को सौंपा था। व्यापारियों ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन फिर से तेज किया जाएगा।