अभियुक्‍तों ने झोंका तीन बार फायर, बाल बाल बचे पुलिस कर्मी

अभियुक्‍तों ने झोंका तीन बार फायर, बाल बाल बचे पुलिस कर्मी

जमानियां। कोतवाली क्षेत्र के नई बाजार- देवैथा मार्ग पर रविवार की सुबह करीब 11 बजे मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने तीन पिकप में भरे 18 मवेशियों के साथ दो अभियुक्तों को पकड़ कर कोतवाली ले आई। वही दो भागने में कामयाब हो गये। अभियुक्‍तों ने पुलिस पर फायर किया और रौंधने का भी पूरा प्रयास किया लेकिन पुलिस कर्मी किसी तरह से बच गये।

चौकी प्रभारी आरके ओझा ने बताया कि जरिये मुखबिर सूचना मिली कि देर रात तीन पिकप वाहन में मवेशियों की तस्करी कर बिहार ले जाने की फिराक है। जो तलाशपुर मोड़ से होते हुए नई बाजार देवेथा मार्ग से निकलने की सूचना थी। जिस पर पुलिस ने तलाशपुर मोड से कुछ दूर नई बाजार – देवैथा मार्ग पर बेरी कैटिंग कर सूचना के आधार पर इंतजार करने लगे लेकिन कोई वाहन नही आया। क्षेत्राधिकारी कूल भूषण एंव कोतवाल दिलीप सिंह के दिशा निर्देश पर चौकी इंचार्ज इंतजार करते रहे। सुबह करीब 11 बजे जब एक के पीछे एक तीन पिकप वाहन दिखाई दी तो पुलिस ने रूकने का इशारा किया। जिस पर वाहन चालक ने तमंचा निकाल कर फायर कर दिया। एक के बाद एक तीन फायर किये गये यह संयोग ही रहा कि तीनों मिस हो गया। जिसके बाद मनबढ तस्‍करों ने पुलिस टीम को वाहन से रौंधने का प्रयास किया और एक पेड से जा कर टकरा गया। जिसके बार मौका देख पुलिस कमियों ने चौकी इंचार्ज के दिशा निर्देश पर दो अभियुक्‍तों को धर दबोचा। वही दो भागने में कामयाब हो गये। पुलिस ने पकडे गये अभियुक्‍तों को मय पिकप वाहन कोतवाली लाया गया। जहां पिकप पर लदे पशुओं को उतारा गया। जिसमें चार गाय, चौदह बैल और सांड थे। जिसमें से दो पशु की मौत हो गयी थी। पशु चिकित्‍साधिकारी अरूण कुमार ने सभी पशुओं को मेडिकल परिक्षण किया। श्री ओझा ने बताया कि पिकप वाहन में मवेशियों को इस प्रकार से रख कर तिरपाल बिछाया गया था कि अनाज की टोकरी जैसी लग ही थी। कोतवाल दिलीप सिंह ने बताया कि पुछताछ में अभियुक्‍तों ने अपना नाम संजय गोंड पुत्र ललन और रामानंद चौहान निवासीगण बलुआ चंदौली बताया है। अभियुक्‍तों के पास से एक तमंचा, तीन मिस कारतूश बारह बोर के बरामद हुए है। बताया कि पुछताछ में यह भी पता चला है कि चंदौली के कनजरा गांव से मवेशीयों को लेकर बिहार के रास्‍ते बंगाल जा रहे थे। पकडे गये दोनों अभियुक्‍तों को नियमसंगत धाराओं में चालान किया जा रहा है। सभी मवेशियों को अस्‍थाई गौंवंश आश्रम भेजा जा रहा है।