जमानिया। कोतवाली क्षेत्र के हरपुर गांव निवासी रिटायर फैजी और किसान रामध्यान यादव रविवार की शाम करीब 6:30 बजे कोतवाल से नाराज हो कर अपनी गाय के साथ कोतवाली पहुच गया। जिसके बाद कोतवाली में पहुचे उपजिलाधिकारी विनय कुमार गुप्ता के आश्वासन के बाद वह करीब 10 बजे वापस अपनी गाय के साथ घर लौटा।
रामध्यान के मुताबिक रविवार की शाम कोतवाल अपने हमराहोयो के साथ उसके घर पहुंचे और उसके साथ गाली गलौच कर अभद्रता करते हुए कोतवाली चलने को कहा। जिसके बाद रामध्यान के घर कोई न होने के कारण वह अपनी गाय को लेकर कोतवाली चल दिया और पूरे रास्ते पुलिस को कोसते आया। इस दौरान रामध्यान ने मीडिया के साथ कई अधिकारियों को फोन कर इसकी सूचना दी। वही इसकी सूचना मीडिया कर्मियों ने पुलिस को देने के बाद कोतवाल रास्ते में रामध्यान को समझाने पहुँचें लेकिन वह नहीं माना और कोतवाली में जा कर अपनी गाय बांध दी और बैठ गया। घंटो कोतवाल के समझाने के बाद भी रामध्यान कुछ सुनने को तैयार नहीं था। वह दोनों मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी‚ तहरीर के हिसाब से मुकदमा दर्ज करने के साथ बैंक के निकाले गये पैसे की मांग पर अड़ा रहा। सूचना पर कोतवाली पहुंचे उपजिलाधिकारी विनय कुमार गुप्ता में स्थिति को समझा और जिलाधिकारी का आदेश दिखाते हुए उसे विश्वास दिलाया कि नये सिरे से इस मामले में जांच के आदेश दिये गए है। पूर्व के मुकदमे में कोतवाली से चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की जा चुकी है। कहा कि प्रशासन पूरी तरह से आपके साथ है, जिलाधिकारी के आदेश पर जांच के बाद न्याय जरूर मिलेगा। जिसके बाद रामध्यान ने उपजिलाधिकारी को यकीन दिलाया कि जब तक जांच होगी तब तक वह शांत रहेगा और पूरा सहयोग करेगा लेकिन उसने आग्रह किया कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा न जाए।
फील्ड अफसर और मैनेजर पर है आरोप
रामध्यान का आरोप है कि यूबीआई के तत्कालीन फील्ड अफसर और बैंक मैनेजर की मिली भगत से उसके पत्नी के केसीसी खाते से 2 लाख 95 हजार रुपये विड्राल के माध्यम से निकल लिए गए। उस दिन उसकी पत्नी बैंक गयी ही नहीं थी लेकिन बैंक द्वारा सीसीटीवी फुटेज अब तक जांच के लिये उपलब्ध नहीं कराया गया और दोनों अधिकरियो का यहाँ से तबादला भी उसी दौरान हो गया। जिसमें पुलिस पूरी तरह से मिली हुई है। कोतवाली में भी इन्ही दोनों के विरुद्ध तहरीर दी गयी थी लेकिन पुलिस ने प्यादों को पकड़ कर जेल भेज दिया और दोनों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। बैंक से पैसा नहीं मिला, न ही नया लोन किया जा रहा है। पैसे के अभाव में खेती प्रभावित हो रही है।