कन्दवा(चन्दौली)।प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरहनी में गुरुवार को मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें एएनएम व आशाओं को मानसिक रोग के बारे में जागरूक किया तथा उपचार के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।
कार्यशाला में जिला अस्पताल से आए डाक्टर अजय कुमार ने कहा कि वर्तमान समय मे उलझन या चिंता सबसे गम्भीर समस्या है । लेकिन इसका उपचार संभव है। जिसकी जागरूकता के लिए केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार ने जिला स्तरीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की है। जिससे मानसिक रोगियों का समुचित इलाज किया जा सके। इसके लिए पीएचसी बरहनी में हर गुरुवार को मानसिक स्वास्थ्य की ओपीडी आयोजित की जाएगी । जिसमें मानसिक रोगियों का उपचार किया जाएगा ।कहा कि सरकार की मंशा है कि ऐसे मानसिक रोगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं उन्हे मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाए।
बताया कि मानसिक रोग से ग्रसित मरीज का सही समय पर उपचार न होने से उनका जीवन अंधकारमय हो सकता है। इस बीमारी के मुख्य लक्षण नींद न आना, या अत्याधिक नींद आना, तनाव, उलझन, घबराहट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन आना है। इस प्रकार के किसी भी लक्षण से ग्रसित व्यक्ति को मानसिक रोग की समस्या हो सकती हे।मानसिक रोगी चिकित्सक से इलाज करा कर अपना जीवन सुखमय बना सकते है। झाड़ फूंक या ओझाई के चक्कर में न फंसे ।बताया कि जिला अस्पताल पर हर सोमवार , बुधवार और शुक्रवार को मानसिक रोगियों की काउंसलिंग और उपचार की सुविधा उपलब्ध है ।इस दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारी डा0 रितेश कुमार , पीएसडब्लू डा0 अवधेश कुमार , सौरभ , नंदलाल आदि स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे ।