एक बार फिर सेतू का बेरिंग धंसा – बडे वाहनों पर रोक

एक बार फिर सेतू का बेरिंग धंसा – बडे वाहनों पर रोक

सुहवल । ओवरलोडिंग के चलते आखिरकार एक बार पुन: एक माह 16 दिनों के बाद पूर्व में पडी दरार वाली जगह पर गंगा नदी पर बने हमीद सेतु के पिलर 7 एवं 6 के मध्य ज्वाईंटर नंम्बर 14 की दोनों तरफ की रोलर बेरिंग शुक्रवार की सुबह करीब 4 बजे करीब 10 ईंच धंस गई। जिसके चलते विभाग सहित प्रशासनिक महकमें में अफरा तफरी मच गई ।सेतु की रोलर बेयरिंग खिसकने की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी के बालाजी ने किसी भी संम्भावित दुर्घटनाओं से बचने के लिए भारी वाहनों के परिचालन पर अगले आदेश तक पूरी तरह से रोक लगा दी गई है ।

इधर प्रशासन ने मेदनीपुर तिराहा, कालूपुर तिराहा, सुखदेवपुर तिहारा एवं रजागंज पुलिस चौकी आदि अन्य जगहों पर बैरिकेटिंग कर वाहनों का रूट डायवर्ट कर दिया है । साथ ही सुरक्षा को लेकर पुलिस कर्मियों की तैनाती भी कर दी गई है । जानकारी के अनुसार बीते 31 दिसम्बर को उपरोक्त ज्वाईंटर में दरार पडी थी ,जिसकी काफी मशक्कत के बाद पुल की 20 जनवरी 2019 को मरम्मत होने के बाद इसे वाहनों के लिए पूरी तरह से खोल दिया गया था ।आज सुबह जब वाहन चालकों सहित राहगीरों को सेतु में रक बार फिर दरार पडने की जानकारी हुई तो लोग अपने-अपने गन्तव्य की तरफ जल्दी से जाने के लिए परेशान रहे कि कहीं प्रशासन छोटे वाहनों पर भी कहीं प्रतिबंध न लगा दे । शादी विवाह का समय होने के कारण भी लोग परेशान देखे गये, स्कूली छात्र छात्राओं को भी अपने स्कूल पैदल ही जाना पडा ।मालूम हो कि क्षेत्रीय लोग रोज की तरह हमीद सेतु पर मार्निंग वाक कर रहे थे, इसी बीच लोगों की नजर ज्वाईंटर पर पडी तो लोगों के होश पाख्ता हो गये ।राहगीरों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी, सूचना मिलते ही सुहवल थानाध्यक्ष राजू कुमार फोर्स के साथ पुल पर पहुँच ज्वाईंटर का निरीक्षण के उपरांत एहतियात के तौर पर सेतु के दोनों तरफ से आ रहे बडे वाहनों को जगह-जगह रोकवा दिया ।साथ ही इसकी जानकारी आलाधिकारियों को दी ।जिसके बाद तो मुख्यालय से लेकर गांव तक अधिकारियों में हडकंम्प मच गया ।आननफान में एन एच ए आई के अधिकारियों को भी सूचित कर दिया ।वैसे दोबारा दरार पडने के कारणों पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने से साफ कतरा रहे है । राहगीरों की माने तो करीब एक हफ्तों से पुल से वाहनों के गुजरने पर कंम्पन्न काफी बढ गई थी, जिससे कि लोग काफी सशंकित नजर आ रहे थे ।पहले तो लोगों ने सोचा कि शायद वाहनों के आवागमन के कारण इसमें कंम्पन हो रही है, लेकिन जब आज ज्वाईंटर में दरार पडी तब लोगों का शक पूरी तरह से यकीन में बदल गया ।दरार पडना कोई नई बात नहीं है इसके पहले भी करीब एक दर्जन बार सेतु के ज्वाईंटर में दरार पड चुकी है ।विभागिय कर्मियों के अनुसार पुल की भार क्षमता 30 से 35 टन भार वाले वाहनों की है, लेकिन सेतु से वर्तमान समय में 50 से लेकर 100 टन भार क्षमता तक वाले वाहनों का आवागमन होता है । जिसका खामियाजा सबके सामने है । अव्वल कहें तो ओवरलोड वाहनों पर प्रतिबन्ध लगाना पूरी तरह से परिवहन विभाग जिम्मेदारी है लेकिन ए आर टी ओ अपने कर्तव्यों के प्रति कितना संजीदा है नतीजा सामने है । करोडों से बना यह सेतु की आधारशिला करीब तीन दशक पूर्व 1975 में रखी गई थी जो झूला आधारित है जो करीब दस वर्षों के इंतजार के बाद 1985 में चालू हो सका । 12 पिलरों पर आधारित यह पुल 1100 मीटर लंम्बा है जो 26 ज्वाईंटरों 52 रोलर बेयरिंग पर टिका है यह सेतु ।यह पुल मात्र जनपद ही नहीं पडोसी राज्य बिहार सहित पूरे पूर्वांचल को जोडता है ।जिससे प्रतिदिन हजारों छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन दिन रात होता रहता है ।वहीं सेतु में दरार पडने के बाद लोगों में अब यह आशंका हो रही है कि शायद इसकी मरम्मत समय से शुरू हो ,दूसरी तरफ यह शंका भी बलवती हो रही है कि अगर इसकी मरम्मत जल्द हो भी जायेगी तो अब शायद प्रशासन बडे भारी मालवाहक वाहनों पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगा सकता है ।लोगों में जनप्रतिनिधियों एवं आलाधिकारियों के प्रति इस बात को लेकर नाराजगी होती जा रही है कि भरौली बक्सर पुल जो क्षतिग्रस्त होने के चलते कई वर्षों से वाहनों के लिए प्रतिबन्धित है ।तो जमानियाँ के पास नवनिर्मित गंगा पुल, चंदौली,व सैदपुर के पास बने पुल उदासीनता के कारण वाहनों के लिए न खोले जाने से इस सेतु पर वाहनों का दबाव काफी बढता रहा है ।इस संम्बन्ध में जिलाधिकारी के बालाजी ने बताया कि सेतु के ज्वाईंटर में दरार पडने की जानकारी मिली है फिलहाल एहतियात के तौर पर सभी बडे वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है । साथ ही जल्द मरम्मत को लेकर एन एच ए आई ,सेतु निगम को जानकारी दे दी गई है जल्द ही मरम्मत करा पुल को वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया जायेगा ।