ऑनलाइन डिमांड पर जनपद में टीबी के मरीजों के लिए होगी दवा उपलब्ध

ऑनलाइन डिमांड पर जनपद में टीबी के मरीजों के लिए होगी दवा उपलब्ध

ग़ाज़ीपुर। शासन अब स्वास्थ्य सेवाओं में लगे कर्मचारियों व अधिकारियों को पेपरलेस कर उनके बेशकीमती समय को बचाकर मरीजों के स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान देने का मन बना चुका है। इसी को ध्यान में अब जनपद के टीबी यूनिट को पूर्ण रूप से पेपरलेस करने का प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पर पुनर्रीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एक जनपद के टीबी यूनिट से जुड़े हुए सभी फार्मासिस्ट, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाईज़र (एसटीएस), सीनियर टीबी लैब सुपरवाईज़र (एसटीएलएस) को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया जिसमें टीबी की दवाओं को ऑनलाइन करने के विषय में जानकारी दी गई।

प्रशिक्षक डॉ मिथिलेश सिंह ने बताया टीबी यूनिट में सभी डाटा, रिकॉर्ड और अन्य सूचनाएं पेपर लेस होने पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है जिससे सभी डाटा में पारदर्शिता आती है। विभाग से दवा लेना और मरीजों को दवा देने का कार्य ऑनलाइन किया जाएगा। जिला से टीबी यूनिट तथा टीबी यूनिट से पब्लिक हैल्थ इंस्टीट्यूट (पीएचआई) और पीएचआई से मरीज तक दवा ऑनलाइन दी जाएगी। जनपद में 75 पीएचआई हैं। शासन से दवा की ऑनलाइन डिमांड की जाएगी। उन्होंने बताया ऑनलाइन दवा की डिमांड के उपरांत ही अब शासन भी जनपद में टीबी के मरीजों के लिए दवा उपलब्ध कराएगा।
डॉ मिथलेश सिंह ने बताया टीबी का इलाज करा रहे मरीजों को नि:शुल्क दवा के साथ उन्हें हर महीने प्रोत्साहन धनराशि भी डीबीटी योजना के तहत मिलती है। इसका इस्तेमाल मरीज पौष्टिक भोजन के लिए कर सकता है।जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ केके वर्मा ने बताया मरीजों को दवा के साथ हर महीने पांच सौ रुपये अपने लिए पौष्टिक और संतुलित आहार का इंतजाम करने के लिए दिया जाता है। सरकारी अस्पताल से टीबी का इलाज कराने वाले मरीजों को ही इसका लाभ दिया जाता है।इस अवसर पर डॉ एसपी यादव और सुनील वर्मा एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।