जमानियां। स्थानीय नगर स्थित खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर शनिवार को कन्या सुमंगला योजना के तहत एबीआरसी की बैठक खंड शिक्षा अधिकारी की अध्यक्ष्ता में की गयी। जिसमें योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गयी एवं इसके क्रियान्वयन पर पर जोर दिया गया।
एबीएसए धनपति यादव ने उपस्थित एबीआरसी को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक तानाबाना स्वयं में जटिल और सवेदी है। सामाजिक, धार्मिक, शैक्षिक और पारिवारिक परिस्थितियां महिलाओं, बालिकाओं के लिए अनादिकाल से भेदभाव पूर्ण रहा है। कहा कि समाज में प्रचलित कुरीतियां एवं भेद-भाव जैसे कन्य भ्रूण हत्या, असमान लिंगानुपात,बाल विवाह, एवं बालिकाओं के प्रति परिवार की नकारात्मक सोच जैसे प्रतिकूलताओं के कारण प्राय- बालिकाये / महिलायें अपने जीवन संरक्षण, स्वास्थ एवं शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारो से वंचित रह जाती है। कहा कि प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता है कि महिला सशक्तिकरण के आधारभूत स्तम्भ स्वास्थ्य एवं शिक्षा है। स्वास्थ्य एवं शिक्षा के स्तर में बृद्धि करने तथा उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए ही राज्य सरकार द्वारा कन्या सुमंगला योजना बनायी है। जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य एवं शिक्षा की स्थिति को सुदृढ करना, कन्या भ्रूण हत्या की समाप्ती, लिंगानुपात स्थापित करना, बाल-विवाह की रोकथाम, नवजात कन्या के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करना आदि है। एबीआरसी के प्रशनों का जवाब देते हुए श्री यादव ने कहा कि 01 अप्रैल 2019 से यह योजना लागू हो चुकी है। जिसके तहत कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश मात्र से ही 2 हजार रूपये, कक्षा छ: में बालिकाओं के प्रवेश पर 2 हजार रूपये, कक्षा नौ में बालिकाओं के परिवार के 3 हजार रूपये और 12 उत्तीर्ण कर स्नातक अथवा कम से कम दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के लिए 5 हजार रूपये परिवार के मुखिया के खाते में दिया जाएगा। कहा कि इसके लिए पात्रता भी तय किया जाना है। जिसमें वार्षिक पारिवारिक आय 3 लाख से कम, दो लडकीयों को के दाखिले पर ही इस योजना का लाभ मिलेगा आदि के बारे में विस्तार से चर्चा कर इसके क्रियान्वयन से संबंधित दिशा निर्देश दिये गये। इस अवसर पर एबीआरसी भूपेन्द्र कुमार गुप्ता, एबीआरसी अनिल कुमार गुप्ता, एबीआरसी धर्मराज सिंह, एबीआरसी अंशु राय, एबीआरसी ओम प्रकाश सिह, अभय कुमार, प्रशांत त्रिपाठी, गोरख, रमाकांत, मंगल देव, बसंत, संजय इम्तियाज आदि मौजूद रहे।