जर्जर विद्यालय भवन में ककहरा सीख रहे नौनिहाल

जर्जर विद्यालय भवन में ककहरा सीख रहे नौनिहाल

कन्दवा(चन्दौली)। सर्व शिक्षा अभियान के तहत सब पढ़े सब बढ़े का नारा भले ही बुलंद किया जा रहा हो लेकिन धरातल पर इसकी स्थिति बेहद भयावह है । बरहनी विकासखंड के दर्जनों प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की छतें व दीवारें जर्जर हैं तो कई विद्यालयों में दरवाजे खिड़कियां भी गायब हैं ।

बिजली और शौचालय की व्यवस्था भी केवल कागजों में सिमटी हुई हैं । जर्जर भवन के चलते ककहरा सीख रहे नौनिहालों की जान कब खतरे में पड़ जाए कहा नहीं जा सकता । लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को इसका कोई परवाह नहीं है ।बरहनी विकास खण्ड में 109 प्राथमिक और 54 उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित होते हैं । इन सभी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की अच्छी तादाद भी है। लेकिन पढ़ने वाले कमरों की स्थिति काफी जर्जर है।बरहनी विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय कुसहा , बहोरा चन्देल , दरौली , तेल्हरा , करौंती , मुड्डा , कंजेहरा , पोखरा , पई , चखनिया , डिग्घी , गोपालपुर , सिरकलपुर , चारी , चिल्हारी , जेवरियाबाद , बरिला , गोरखा और पूर्व माध्यमिक विद्यालय बरहनी , फुटिया , जेवरी , अरंगी , अदसड़ , ककरैत , तेल्हरा , ओयरचक , मुड्डा , मुहम्मदपुर , खेदाई नरायनपुर , असना , कोदई , खझरा , डैना , सैयदराजा के भवनों की छतें व दीवारें जर्जर हो गई हैं । कुछ विद्यालयों के कमरों की दीवारें में तो मोटी मोटी दरारें पड़ चुकी हैं । तो वहीं पू0मा0वि0 जेवरी में 20 खिड़की और 5 दरवाजे , डिग्घी में 2 दरवाजे , पौनी में 6 खिड़की , सैयदराजा में 4 दरवाजा और प्राथमिक विद्यालय कुआ में 4 खिड़की और दो दरवाजे , ओयरचक में पांच कमरों की खिड़की और दरवाजे , नेवादा में 3 खिड़की और 2 दरवाजे जर्जर हो गए हैं तो वहीं प्रा0 वि0 छतेम में 12 खिड़कियों के दरवाजे नहीं हैं ।कुसहा गांव निवासी प्रमोद सिंह , चखनिया गांव के अश्वनी सिंह , मनोज सिंह , बहोरा चन्देल के कृष्णानंद चौबे , तेल्हरा के विजय शंकर सिंह आदि लोगों का कहना है कि गांव के प्राथमिक विद्यालय के भवन की स्थिति काफी जर्जर है । जिससे बच्चों व अभिभावकों में भय का माहौल बना रहता है ।विद्यालय में सुरक्षा का भी कोई इंतजाम नहीं है । भवन कब धराशाई हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता । इसका भय हमेशा बना रहता है ।विद्यालय भवन इतने जर्जर हैं कि बच्चों की जान कब खतरे में पड़ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता । स्कूल के जर्जर दीवारों व छतों को तत्काल दुरुस्त कराया जाना चाहिए।इस सम्बन्ध में खण्ड शिक्षाधिकारी बरहनी राकेश सिंह का कहना है कि जर्जर विद्यालय भवनों की सूची बना कर जिला पर प्रेषित कर दी गई है । अब जैसा निर्देश होगा वैसा किया जाएगा ।