ग़ाज़ीपुर। टीबी के मरीजों का डाटा ऑनलाइन करने के लिए मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर पर निक्षय पोर्टल वर्जन 2.0 का एक दिवसीय प्रशिक्षण जनपद के सभी ब्लॉकों के टीबी सुपर्वाइज़र, लैब टैकनीशियन और ब्लॉक अकाउंट मैनेजर को दिया गया। इस प्रशिक्षण की अध्यक्षता सीएमओ डॉ जीसी मौर्य ने की एवं प्रशिक्षण डब्ल्यूएचओ के कंसल्टेंट डॉ आदर्श पटेल के द्वारा दिया गया।
प्रभारी नोडल अधिकारी डॉ केके वर्मा ने बताया टीबी के मरीजों का पूरा डाटा पहले वर्जन 1.0 पर चल रहा था लेकिन अब इसे पूरी तरह से पेपर लेस करने के लिए विभाग ने कदम बढ़ाया है। उन्होंने बताया ऑनलाइन फीडिंग होने के बाद इसकी पूरा रिपोर्ट ‘टीबी इंडिया’ की वेबसाइट पर भारत के किसी भी क्षेत्र से किसी भी जनपद को देखा जा सकता है।उन्होंने बताया इसकी ट्रेनिंग के लिए विभाग के छः कर्मचारी अनुराग, डॉ मिथिलेश, सुनील और डॉ धीरेंद्र, संजय यादव व कमलेश कुमार को आगरा ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। वहां से ट्रेनिंग पाकर इन्होने सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर, सीनियर टीबी लैब सुपरवाइजर, लैब टेक्नीशियन और ब्लॉक अकाउंट मैनेजर को ट्रेनिंग दी।उन्होंने बताया इससे पूर्व निक्षय वर्जन 1.0 में इंट्री होती थी जिसमें कई तरह की दिक्कतें आती थी। पूर्व के वर्जन को सिर्फ कंप्यूटर या लैपटाप पर ही खोला जा सकता था लेकिन अब नए वर्जन का मोबाइल एप भी बनाया गया है जिसे मोबाइल व टैब से भी संचालित किया जा सकता है। प्रशिक्षण के दौरान टीबी मरीज की एंट्री कर इसकी शुरूआत भी की गई।
उन्होने बताया 2018 में प्राइवेट डॉक्टरों के द्वारा 502 टीबी के मरीज नोटिफ़ाई किए गए जबकि सरकारी स्तर पर 2,587 मरीज चिन्हित हुए। 2019 की बात करें तो 441 मरीज प्राइवेट डॉक्टरों के द्वारा और 1,544 मरीज सरकारी अस्पताल के द्वारा चयनित हुए हैं। साथ ही 2018 में 1,497 मरीजों में 34.38 लाख रुपयेसीधे उनके खाते में और 2019 में अब तक 841 मरीजो में 11.88 लाख रुपये सीधे मरीजो के खातों में ट्रांसफर किए गए।