टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए क्षय रोग विभाग व डाक विभाग ने लिया संकल्प

टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए क्षय रोग विभाग व डाक विभाग ने लिया संकल्प

ग़ाज़ीपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सन 2025 तक देश से क्षय रोग यानि टीबी के खत्म करने के संकल्प को पूरा करने के लिए कई नई योजनायें और कार्यक्रम शुरू किये गए हैं।

इसी क्रम में हाल ही में राज्य क्षय रोग और भारतीय डाक विभाग में विधिवत एक करार हुआ जिसके तहत प्रदेश के सभी 75 जिलों में टीबी मरीजों का सैम्पल लैब तक पहुँचाने का काम अब डाकिये करेंगे। इससे पहले यह सैम्पल कोरियर से भेजे जाते थे, जिससे रोगियों की पहचान और इलाज शूरू होने में विलम्ब होता था। इस करार के साथ ही उत्तर प्रदेश इस नई व्यवस्था को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
इस क्रम में मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित प्रशिक्षण भवन में जिला क्षय रोग विभाग के कर्मचारियों और डाक विभाग के पोस्टमैन की प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ के के वर्मा ने की। कार्यशाला में कोरोना वायरस को देखते हुए सोशल डिस्टेंस का पूरा पालन किया गया।
कार्यशाला में प्रमुख प्रशिक्षक जिला कार्यक्रम समन्वयक मिथिलेश सिंह ने बताया कि जनपद में 17 टीबी यूनिट संचालित हैं जिसके लिए सात अलग-अलग दिनों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण मुख्य रूप से जनपद में चल रहे 37 माइक्रोस्कोपी सेंटर से सैंपल पोस्टमैन के द्वारा सीबीनॉट सेंटर पर लाया जाएगा जो जनपद में दो स्थान मोहम्दाबाद और जिला अस्पताल में संचालित है।
प्रशिक्षक विजय ने बताया कि सीबीनाट सेंटर से बीएचयू, आगरा या अन्य जगह पर पोस्टमैन के द्वारा ही सैंपल पहुंचाए जाने का कार्य किया जाएगा जिसमें जनपद के अंदर 24 घंटे और जनपद के बाहर 48 के अंदर सैंपल भेजे जाने का समय रखा गया है। इसके साथ ही पोस्टमैन के द्वारा चयनित मरीजों के घर घर पहुंचकर जीरो बैलेंस पर खाता भी खोला जाएगा। उन्होंने बताया कि जनपद में 1 जनवरी से अब तक 1058 टीबी मरीज चिन्हित किए जा चुके हैं जिसमें से 182 मरीजों को प्रतिमाह 500 रुपये उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजा जा चुका है।