ग़ाज़ीपुर। पोषण मिशन योजना के तहत बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के साथ ही स्वास्थ्य विभाग, कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र भेज रहा है ताकि कुपोषित बच्चे का समुचित इलाज कर उसे पोषित किया जा सके।
इसी क्रम में रेवतीपुर ब्लॉक के सुजानपुर बवाड़े गांव में 2 कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने चिन्हित किया है और उनके परिजनों को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजने की सलाह दिया।जिला अस्पताल में स्थापित पोषण पुनर्वास केंद्र में छह माह से छह वर्ष तक के कुपोषित बच्चों का उपचार होता है। इस दौरान बच्चों की मां को भी केंद्र में रहना अनिवार्य है जिन्हें सुबह का नाश्ता व दोनों समय पोषणयुक्त भोजन दिया जाता है। बच्चों को यहां 14 दिन तक चिकित्सक एवं नर्स की विशेष देखरेख में रखा जाता है और स्थिति में सुधार होने पर इन्हें घर भेज दिया जाता है।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवतीपुर की ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक बबिता सिंह द्वारा उपकेन्द्र मेदनीपुर, सुजानपुर, पटकनिया गांवों का निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर लाल व पीली श्रेणी के कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों के बारे में जानकारी प्राप्त कर उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए आवश्यक सुझाव दिये गए। इस दौरान सुजानपुर में दो बच्चे अतिकुपोषित अवस्था में मिले जिनके परिजनों को उन बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती करा इलाज कराने की सलाह दी गयी जिससे कुपोषण मुक्त भारत बनाया जा सके।उन्होने बताया कि सत्र स्थल पर गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर गर्भवती महिलाओ व उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को दी जानी वाली आयरन की गोली, प्रत्येक माह की 9 तारीख को मनाया जाने वाला प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस, विफ़्स कार्यक्रम के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालयों में जाकर आयरन की कमी के संबंध में साप्ताहिक आई॰एफ॰ए॰ गोली स्कूल के बच्चों को खिलाने के फायदे आदि के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। इसके साथ ही समुदाय में कल्याणकारी योजना आयुष्मान भारत योजना एवं होम बेस्ड न्यू बोर्न केयर के अंतर्गत नवजात शिशुओं के देखभाल हेतु जनजागरूकता का कार्य किया गया।पर्यवेक्षण के दौरान सुनील कुमार, आशुतोष सिंह, इम्तियाज अहमद, सम्बंधित एएनएम, आंगनबाड़ी, आशा मौजूद रहीं।