गाजीपुर। मुख्य सचिव डा0 अनूप चन्द्र पाण्डेय जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित कर निर्देर्शित किया है कि उत्तर प्रदेश में कतिपय सेवा संगठनों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली एवं अन्य मागो के सम्बन्ध में 25 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक के मध्य हडताल किये जाने एवं उसके उपरान्त अनिश्चितकालीन हड़ताल किये जाने के संभावना है।
इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश सरकारी नियमावली की आचरण नियमावली 1956 तथा उत्तर प्रदेश (सेवा संघो को मान्यता) नियमावली 1979 की निम्नलिखित व्यवस्थाओ की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए बताया एवं सख्ती से अनुपालन कराने हेतु निर्देश दिया गया है। उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की आचरण नियमावली 1956 (यथासंशोधित) नियम-3 के अनुसार प्रत्येक सरकारी सेवक हर समय अपनी ड्यूटी के प्रति पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण रखेगा।
नियम-5(2) कोई सरकारी सेवक अपनी सेवा या अन्य किसी सरकारी सेवक के सेवा संबंधी मामलों में किसी भी प्रकार की हड़ताल के लिए न तो सहायता करेगा और न ही उसमें सम्मिलित होगा। उत्तर प्रदेश (सेवा संघो को मान्यता ) नियमावली 1979 यथा (संशाधित)नियम-4 (ड़) के अनुसार सेवा संघ कोई ऐसा कार्य न करेगा और न कोई ऐसा कार्य करने में सहायता देगा, जिसको यदि किसी सरकारी सेवक द्वारा किया जाय तो उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 के किसी उपबन्ध का उल्लघन हो।
नियम-4(ढ़) के अनुसार सेवा संघ समान्य और सचारू रूप से सरकारी कार्य संचालन में बाधा डालने या अवरोध उत्पन्न करने की दृष्टि से अपने सदस्यों को हड़ताल करने या धीरे कार्य करने या कोई अन्य तरीका अपनाने के लिए न प्रेरित करेगा उकसायेगा, न भड़कायेगा न उत्तेजित करेगा, न सहायता और न सहयोग देगा। नियम-4 (ण) के अनुसार सेवा संघ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी ऐसे कार्य में भाग नही लेगा जिससे कि सरकारी सेवक को अपने कार्यालय आने या अपने पदीय कर्तव्य का पालन करने में अभित्रास या अवरोध या रूकावट हो। नियम-8 में यह व्यवस्था दी गई है कि यदि मान्यता प्राप्त संघ-महासंघ या परिसंघ उक्त वर्णित नियम-4 में उल्लिखित उपरोक्त अपेक्षाओध्शर्तो का उल्लंघन करता है तो उसकी मान्यता वापस ली जा सकती है।
धरना प्रदर्शन अथवा हडताल में शामिल होने की स्थिति में संबंधित सरकारी सेवक के विरूद्ध उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील)नियमावली-1999 के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी के.बालाजी ने जनपद के समस्त कार्यालयाध्यक्ष को निर्देशित किया है कि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के दिये गये निर्देशो का कड़ाई से पालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाय।