प्रदेश भर में 22 करोड़ पौधे रोपने का रिकॉर्ड बना

प्रदेश भर में 22 करोड़ पौधे रोपने का रिकॉर्ड बना

ग़ाज़ीपुर।भारत छोड़ो आंदोलन के 77वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुक्रवार को प्रदेश भर में 22 करोड़ पौधे रोपने का रिकॉर्ड बनाया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में हरिशंकरी पौधे को रोपकर इसकी शुरुआत किये वही जनपद गाजीपुर के स्वास्थ्य विभाग में भी पौधारोपण का कार्यक्रम आज सुबह 7 बजे से ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में शुरू किया गया।

जिला प्रशासनिक अधिकारी डॉ पी सी चौहान ने बताया कि पौधारोपण के इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग को 11983 पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया था । जिसमें दोपहर 12:00 बजे तक जनपद के सभी 21 स्वास्थ्य केंद्रों पर 8562 पौधे लगाए जा चुके थे। उन्होंने बताया कि आज देर शाम होते-होते लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगां।उन्होंने बताया कि वन विभाग की तरफ से सहजन ,सागौन और शीशम के साथ और कई तरह के पौधे दिए गए थे । वही विभाग के द्वारा बेल ,कनेर, चितवन ,आंवला आदि के पौधे खरीद कर लगाया गया है । उन्होंने बताया कि सीएमओ कार्यालय का टारगेट 225 पौधे ,होम्योपैथिक कॉलेज का 400 ,जिला अस्पताल का 200 का टारगेट था जिसे पूरा कर लिया गया है।

पौधरोपण से लाभ

वृक्ष हमारे लिए कई प्रकार से लाभदायक होते हैं। जीवों द्वारा छोड़े गए कार्बन डाइ-ऑक्साइड को ये जीवनदायिनी ऑक्सीजन में बदल देते हैं। इनकी पत्तियों, छालों एवं जड़ों से हम विभिन्न प्रकार की औषधियां बनाते हैं। इनसे हमें रसदार एवं स्वादिष्ट फल प्राप्त होते हैं। वृक्ष हमें छाया प्रदान करते हैं। इनके छाया में पशु-पक्षी ही नहीं, मानव भी चैन की सांस लेते हैं। जहां वृक्ष पर्याप्त मात्रा में होते है, वहां वर्षा की मात्रा भी सही होती है। वृक्षों की कमी सूखे का कारण बनती है। वृक्षों से पर्यावरण की खूबसूरती में निखार आता है। वृक्षों से प्राप्त लकड़ियाँ भवन- निर्माण एवं फर्नीचर बनाने के काम आती है। इस तरह, मनुष्य जन्म लेने के बाद से मृत्यु तक वृक्षों एवं उनसे प्राप्त होने वाले विभिन्न प्रकार की वस्तुओं पर निर्भर रहता है। कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने पेड़-पौधों के महत्व को समझते हुए कहां है की पृथ्वी द्वारा स्वर्ग से बोलने का अथक प्रयास है ये पेड़।पौधरोपण के इस मौके पर अमित राय ,मनिंदर ,राघवेंद्र ,डॉ आर के सिन्हा, डॉ के के वर्मा ,डॉ पी सिन्हा के साथ ही स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कई कर्मचारी मौजूद रहे।