प्रशिक्षण से शिक्षक छात्रों में रचनात्मक चिंतन विकसित करने का मौका मिलता है : ए बी एस ए

प्रशिक्षण से शिक्षक छात्रों में रचनात्मक चिंतन विकसित करने का मौका मिलता है : ए बी एस ए

सुहवल। आज ब्लाक संसाधन केन्द्र पर शिक्षा के क्षेत्र में विश्व का सबसे बडा सेवारत शिक्षकों का प्रशिक्षण जारी है, निष्ठा एकीकृत प्रशिक्षण जो विगत 23 दिसम्बर से 27 दिसम्बर तक पूरे जनपद में चला, उस प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहे ।

जनपद के चार ब्लाकों मोहम्दाबाद, जमानियाँ, करंडा एवं सदर ब्लाक के कुल 150 में से 146 अवशेष अध्यापकों, शिक्षा मित्र, अनुदेशक, सहायक अध्यापक, प्रधानाध्यापकों का 50/50 के तीन पालियों में शिक्षकों को अध्यापन में दक्ष बनाने के लिए प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा विभाग व मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा निष्ठा एकीकृत प्रशिक्षण निष्ठा (नेशनल इनीशिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीचर्स होलिस्टिक एडवांसमेंट) प्रशिक्षण जो कि 31 जनवरी तक चलना है का शुभारंभ खंड शिक्षा प्रभाकर यादव ने द्वीप प्रज्जवलित करने के साथ ही सरस्वती जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया ।जबकि इस अवशेष प्रशिक्षण में अनुपस्थित 4 अध्यापकों की रिपोर्ट डायट को प्रेषित कर दी गई । इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी प्रभाकर यादव ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता छात्रों को सरल तरीके से कुल 12 माड्यूलों के जरिये जानकारी देना है, उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर को उच्चकृत करने के साथ शिक्षकों को तनाव रहित, रोचक व आनंददाई तरीकों से पढ़ाने के टिप्स भी देना है । कहा कि निष्ठा प्रशिक्षण से जनपद के शिक्षकों का शैक्षणिक कार्य में समग्र उन्नति होगा। उन्हें बदलते समय व बच्चों के सोच में हो रहे बदलाव को ध्यान में रखते हुए उन्हें प्रशिक्षण में नए गुर सीखाए जा रहे हैं । ताकि शिक्षक छात्ररों की रुचि के अनुसार खेल खेल में पढ़ाई को आनंदायी बनाकर पढ़ा सकें। कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्राथमिक स्तर पर ही शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए निष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसके तहत छात्रों में महत्वपूर्ण सोच को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी प्रभाकर यादव ने कहा कि शिक्षण कार्य के दौरान शिक्षक बच्चों को पढ़ाने से पहले खुद पढ़ें। शिक्षक को अध्ययन करते रहना चाहिए। शिक्षक जिस पाठ्यक्रम को पढ़ाने वाले हैं, उसकी समुचित तैयारी और पूर्वाभ्यास कर छात्र—छात्राओं को पढ़ाने जाएं। शिक्षक बच्चों को रूचिकर तरीके से पढ़ाएं। बच्चों को उसी के अंदाज में पढ़ाएं, जिस अंदाज में बच्चे पढ़ना चाहते हैं। इससे बच्चों को पढ़ाई बोझिल नहीं लगेगा। शिक्षकों को पढ़ाने के तरीके को प्रोजेक्टर पर भी दिखाकर भी समझाया। उन्होंने तनाव रहित, रोचक और आनंददायी तरीके से कैसे पढ़ाई की जाती है, इस विषय में शिक्षकों को कई महत्‍वपूर्ण टिप्‍स दिए।निष्ठा के माध्यम से स्कूल प्रमुख और शिक्षक अपने नेतृत्व क्षमता निखार सकेंगे और वे बच्चों में व्यक्तिगत और सामाजिक गुणों के विकास को सुनिश्चित करेंगे।कहा कि निष्ठा एक पोर्टल और मोबाइल एप भी उपलब्ध कराएगा, जिसमें गुणवत्तापूर्ण सामग्री और प्रशिक्षण से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध रहेंगे। इसे शिक्षक आपस में साझा कर खुद की योग्यता निखारेंगे। इस प्रशिक्षण से शिक्षक छात्रों में रचनात्मक चिंतन विकसित करने के लिए प्रेरित और सक्षम होंगे। उनमें परामर्शदाता बनने की प्रतिभा विकसित होगा।
इस अवसर पर पूर्व ए बी आर सी सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, विजयेन्द्र नाथ सिंह, सुजीत, कामाख्या, मुकेश, चंद्रशेखर, परमानन्द, सतीश, अमित, शशि प्रसाद, राम अवध आदि मौजूद रहे