ज़मानियां। स्टेशन बाज़ार स्थित डॉ .सुरेश राय के आवास पर हिंदी साहित्य के शलाका पुरूष, महान चिंतक, समालोचक प्रो.नामवर सिंह को सौरभ साहित्य परिषद एवं प्रबुद्ध वर्ग द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र सिंह ने नामवर सिंह के निधन को हिंदी समालोचना का अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह ने हिंदी समालोचना को नई दिशा प्रदान की। हिंदी आलोचना को एक नई विधा के रूप में स्थापित करने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। डॉ. नामवर सिंह कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद व आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी से विशेष प्रभावित थे। आपकी प्रेरणा से आज हजारों हिंदी सेवी हिंदी साहित्य को समृद्ध करने की दिशा में क्रियाशील हैं।
श्रद्धांजलि समारोह को बाबू राजेश्वर सिंह, के. डी . सिंह, रमाशंकर सिंह, पूर्व प्रधानाचार्य छेदी सिंह, डॉ. कुंदन पांडेय, उमाशंकर सिंह, चिंतक रमेश सिंह, दिनेश सिंह , कार्यालय अधीक्षक रमेश सिंह, काशी नाथ सिंह, धनन्जय दूबे, सियाराम शर्मा, डॉ.सुरेश राय, रामाश्रय , डॉ. अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री,सहित तमाम स्थानीय लोगों ने सहभागिता की। अध्यक्षता पूर्व प्रधानाचार्य हीरालाल उपाध्याय एवं संचालन डॉ.मदन गोपाल सिन्हा ने किया।
इसी क्रम में हिन्दू स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज़मानियां स्टेशन पर हिंदी साहित्य के ज्वाजल्यमान नक्षत्र प्रो.नामवर सिंह को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र तिवारी ने शोक प्रस्ताव में कहा की ऐसे नहीं कोई बन जाता नामवर, इसके लिए नई स्थापनाएं करनी पड़ती हैं जिसका माद्दा सबमें नहीं होता। उनकी मृत्यु से हुई क्षति की भरपाई नहीं की जा सकती। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. देवेंद्र नाथ सिंह, सहित महाविद्यालय परिवार के तमाम छात्र छात्राएं एवं प्राध्यापक, कर्मचारियों ने हिस्सा लिया एवं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।