मरदह।ब्लाक के सद्गुरु सीता दास आश्रम सिद्धपीठ बेलसड़ी सिगेंरा धाम परिसर में सत्य गुरू सीतादास साहब की जयन्ती का आयोजन हुआ।
जिसमें प्रवचन के माध्यम संत बाल योगी महेश दास जी ने भक्तगणो से कहा कि गुरू गंगा काशी स्थाना चार वेद गुरू गंमे जाना,राम- कृष्ण सो कौन बड़े सो हू तो गुरू किन तीन लोक के वे धनी सो गुरू आगे अधीन,वशिष्ठ गुरु किए रघुनाथा दर्शन पाए भय सनाथा कृष्ण गये दुर्वाशा सरना भक्ति पाए जग तारन तरना,जगत गुरू ब्राह्मण- ब्राह्मण गुरू संयासी अर्थात बिना गुरु का किसी भी जीव आत्मा का कल्याण संभव नहीं है।इसलिए प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में गुरु करना चाहिए और संत महापुरुषों के सत्संग भजन कीर्तन प्रवचन दोहे को अपने जीवन में अमल करते हुए उनके बताएँ हुए मार्ग पर चलना चाहिए।”सद्गुरू के परम उदेश्य प्रेम,सेवा,सत्य,उपकार”‘सब धर्म का यहीं साध’ 68 तीर्थ करें परिकर्मा’सो पल पावें संतो के चरना,कहिही उमामय् अनुभव अपना सत्य,हरि,भजन,जगत,सब अपना।इस अवसर पर विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया।जिसमें हजारों कि संख्या में भक्तगणों ने प्रसाद ग्रहण कर आर्शिवाद लेते हुए जयकारे का उद्घघोष किया।तथा तेजस्वी तपोभूमि पहुँच कर पुण्य के भागी बने।इस मौके पर ग्राम प्रधान रामबचन यादव,जवाहर मदेशिया , ओमप्रकाश मौर्य, सुरेश यादव, मुन्ना यादव,रामविलास राय,वंशबहादुर सिंह,हरिनाथ मौर्य,अशोक विश्वकर्मा,शंकर दास, विन्धाचल, अवधेश दास लोक बिरहा भजन गायक,पंचदेव पाण्डेय,लालजी यादव, गोपाल,उमेश विश्वकर्मा, रामऔतार, विकास सिंह, राहुल सिंह, रणधीर सिंह, संजय सिंह ,शंकर राजभर, श्यामलाल, मिठाई आदि लोग मौजूद रहे