गाजीपुर। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने हेतु एवं गर्भावस्था के दौरान समय पर उचित इलाज मुहैया कराने हेतु जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया जिसमें गर्भवती महिलाओं की जांच की गयी। इस दौरान कुल 20 से अधिक एचआरपी (हाई रिस्क प्रेग्नेसनी) महिलाओं को चिन्हित कर उन्हें प्रतिमाह जांच के लिए कहा गया।
स्वास्थ्य केंद्र मरदह में 50 महिलाओं की जांच की गई जिसमें 7 महिलाएं एचआरपी मिली। स्वास्थ्य केंद्र मिर्जापुर की बीपीएम सोनल श्रीवास्तव ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर डॉ निष्ठा यादव ने 50 महिलाओं की जांच की जिसमें 3 महिलाएं एचआरपी मिली। बाराचावर के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ एनके सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर 67 महिलाओं की जांच की गई जिसमें से 7 एचआरपी महिलाएं मिली। इनमें से 5 नयीं एचआरपी जबकि दो फॉलो अप महिलाएं मिली। रेवतीपुर स्वास्थ्य केंद्र की बीपीएम बबीता सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर एनएमके द्वारा टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं की जांच किया गया और उन्हें परामर्श देने के साथ ही आवश्यक दवा भी उपलब्ध कराई गई। कासिमाबाद स्वास्थ्य केंद्र के बीपीएम दिनेश ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के अंतर्गत आज कुल 50 महिलाओं की जांच की गई। मनिहारी स्वास्थ्य केंद्र पर कुल 47 महिलाओं की जांच की गई जिसमें से 5 एचआरपी महिलाएं मिली। देवकली स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर सादिया परवीन ने कुल 51 महिलाओं की जांच की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जी सी मौर्य ने बताया जिन महिलाओं में 7 ग्राम से कम हिमोग्लोबिन पाया जाता है उन्हें एचआरपी की श्रेणी में रखा जाता है जिसके लिए प्रतिमाह जांच पर रखा जाता है। इसके लिए क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं को एचआरपी महिलाओं का 15 दिन या एक माह पर विजिट करने का निर्देश दिया गया है। इन महिलाओं की जांच के साथ ही डिलीवरी हेतु जिला अस्पताल ले जाने की व्यवस्था भी की जाती है। उन्होंने बताया की गर्भवती महिला किसी सरकारी अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर जांच व डिलीवरी करा सकती हैं। गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए हर महीने की 9 तारीख को जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी अस्पतालों में कैंप लगाए जाते हैं लेकिन इस बार यह कैंप 10 जून को विभाग के निर्देश पर लगाया गया। इस कैम्प में संबंधित महिलाएं अपना कार्ड दिखाकर इन कैंपों में जांच आदि करा सकती हैं।
इस अभियान की मदद से मातृत्व मृत्यु दर कम होगी।
गर्भवती महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के मुद्दों, रोगों के बारे में जागरूक कर सुरक्षित प्रसव करा सकेंगे। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं की सभी प्रकार की जांच सभी सरकारी चिकित्सा इकाइयों और स्वास्थ्य केन्द्रों पर पूरी तरह से मुफ्त में की जाती है। महिलाओं को उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर चिह्नित किया जाता है जिससे इलाज में आसानी से हो सके। मुफ्त डिलीवरी के बाद बच्चे का सभी तरह का टीकाकरण, उसका चेकअप भी मुफ्त किया जाता है। पंजीकरण के बाद महिला डॉक्टर महिला की एनीमिया, गर्भावधि, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, संक्रमण, खून-पेशाब, शुगर की जांच कर रिपोर्ट बनाएगी। इसी के आधार पर जरूरी दवाएं नि:शुल्क दी जाती हैं। उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं को उच्च सुविधाएं प्रदान कराने हेतु रेफर किया जाता है।