मानव का सबसे बड़ा धर्म जीव की रक्षा करना होता है-मुहम्मद अशरफ

मानव का सबसे बड़ा धर्म जीव की रक्षा करना होता है-मुहम्मद अशरफ

गहमर। स्थानीय गांव के डुबकियां बाग में रविवार की दोपहर जयगुरुदेव के अनुयायियों द्वारा संत समागम का आयोजन किया गया। ज्ञात हो कि 14 अप्रैल 2004 को इसी मैदान पर जयगुरुदेव ने अपने अनुयायिओं को संबोधित किये थे। तब से आज तक प्रत्येक वर्ष उनके शिष्यों द्वारा 14 तारीख को संत समागम का आयोजन किया जाता है। इस सन्त समागम में बलिया , बक्सर, रोहतास,पटना, वाराणसी सहित कई जनपदों के लोग हिस्सा लेते है। आज के कार्यक्रम में कोडरमा झारखंड से आये मुख्य वक्ता के रूप में मुहम्मद अशरफ ने कहा कि चौरासी लाख योनियों में भटकने के बाद बड़े भाग्य से मानव का शरीर मिलता है। और हम भगवान के द्वारा दिये गए इस पावन उपहार को बेकार की बातों एवं कार्यो में नष्ट कर देते है। मानव का सबसे बड़ा धर्म जीव की रक्षा करना होता है। पर इंसान आज अपने थोड़े से स्वाद के लिए जीवो की निर्मम हत्या कर दे रहा है। उन्होंने इंसान को सदाचारी,शाकाहारी ,अचार विचार को उत्तम रखने की बात कही।
उक्त अवसर पर रामस्वरूप सिंह,पंकज,विनोद,रामअवध,मुन्ना चौरसिया,सत्यनारायण सिंह, विक्की चौरसिया,विपुल शर्मा, जूही,सुमन आदि लोग मौजूद रहे।