मिस इंडिया मोस्ट पापुलर फेस रचना का हुआ जोरदार स्वागत

मिस इंडिया मोस्ट पापुलर फेस रचना का हुआ जोरदार स्वागत

दिलदारनगर। स्‍थानीय रेलवे स्टेशन पर मंगलवार की 2:30 बजे ब्रम्‍हपुत्र मेल से जैसे ही प्‍लेटफार्म पर रूकी और मिस इंडिया मोस्‍ट पापुलेर फेस 2018 का ब्राउन पहन कर शेरपुर गांव निवासी रचना सिंह का स्‍वागत करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पडी। जिसके बाद खुली गाडी में वह अपने घर शेरपुर पहुंची ।

महिलाओं सहित क्षेत्र के लोगों का गौरव बन चुकी रचना सिंह प्‍लेटफार्म पर जैसे ही उतरी लोगों ने जम कर नारे बाजी की और उनका स्‍वागत फूल मालों से किया। इस दौरान ग्रामीणों की ओर से डीजे की व्‍यवस्‍था भी की गयी थी। रचना ट्रेन से उतरने के बाद खुली जीप में सवार हो कर क्षेत्र के लोगों के साथ धीरे धीरे आगे बढने लगी। वही सपा के पूर्व केबिनेट मंत्री के प्रतिनिधि मन्‍नू सिंह ने भी उनका स्‍वागत किया और क्षेत्र का मान बढाने के लिए ढेरो बधाई दी। जिसके बाद काफिला फुल्‍ली गांव पहुंचा जहां मंदिर के चबुतरे पर उनका सम्‍मान किया गया। मूल रूप से क्षेत्र के फुल्‍ली ग्रामसभा के शेरपुर गांव की रहने वाली है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नगर केे एक निजी विद्यालय से हुई। 12 वीं तक पढ़ाई के बाद वाराणसी के काशी विद्यापीठ से स्‍नातक की पढाई पूरी की और वर्तमान समय में दिल्‍ली रह कर उच्‍चय शिक्षा प्राप्‍त कर रही है। स्नातक की पढ़ाई के समय बीएचयू से एनसीसी कैडेट रही रचना ने वर्ष 2018 में स्नातक की पढ़ाई के दौरान उन्‍होंने मॉडलिंग से अपने कैरियर की शुरूआत की और कडी मेहनत से मिस इंडिया तक का सफर तय किया। मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी रचना को पहली बार 22 फरवारी 2018 को मिस काशी चुना गया। जिसके बाद उन्‍हें लायंस आई बैंक का ब्रांड एम्‍बेसडर बनाया गया। 21 जून को यूपी गौरव सम्‍मान से नवाजा गया । 13 सितम्‍बर को वाराणसी और 18 नवंबर को दिल्ली में अटल बिहारी बाजपेयी सम्‍मान से सम्मानित किया गया। रचना के पिता विनोद कुमार सिंह सिविल पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर प्रयागराज में तैनात है। कई नेशनल ख़िताबो को अपने नाम कर चुकी रचना ने कहा कि महिलाओं में हुनर की कोई कमी नही है जरूरत है परिवार का भरोसा और मौका का। जो उनके परिवार ने उन पर दिखाया। जिसकी बदौलत ही वह आज इस मुकाम पर पहुंच सकी हू। उन्‍होंने अपने उपलब्‍धी का श्रेय अपने माता संजू सिंह, पिता विनोद सिंह के साथ दादा जनार्दन सिंह को दिया। इस दौरान उन्‍होंने अपने जीवन के सफर को भी सांझा किया।