मुआवजे के लिए महिला लगा रही स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र का चक्‍कर

मुआवजे के लिए महिला लगा रही स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र का चक्‍कर

जमानियां। नगर के प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में शुक्रवार को अपने दो वर्ष के बच्चे के साथ तियरी गांव की महिला प्रियंका धमक गयी। जिसके बाद स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में हडकंप मच गया। महिला नसबंदी फेल होने के बाद 30 हजार रूपये की मुआवजा धनराशि मांग रही थी।

महिला ने प्राथमिक के चिकित्‍सक कार्यालय में पहुंची और नसबंदी फेल होने के बाद सरकार की ओर से दी जाने वाली 30 हजार रूपये की धनराशि मांगने लगी। जिस पर स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पर तैनात डां रूद्र कान्‍त सिंह ने मामले को संज्ञान में लेते हुए महिला की समस्‍या सूनी और आश्वासन दिया कि जल्‍द कार्यालय स्‍तर से लिखा पढी कर धनराशि दिलाया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि महिला की मांग जायज है, विभाग के स्‍तर से उसे आवेदन को देर से भेजा गया है। जिस कारण से महिला को धनराशि प्राप्‍त नही हुई है। ज्ञात हो कि प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में तियरी गांव निवासी प्रियंका पत्‍नी संतोष ने 22 फरवरी 2015 को अपनी नसबंदी कराई और कुछ माह बाद ही गर्भ ठहर गया। जिसकी सूचना भी पीएचसी पर 1 अगस्‍त 16 को दी गयी। जिसके बाद 8 फरवरी 17 को उसका जांच भी पीएससी पर हुआ। जिस समय वह 6 माह की गर्भवती थी लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र के कर्मचारीयों ने महिला का आवेदन आगे नही बढाया । जिसके बाद महिला ने 31 अप्रैल 2017 को महिला ने पुत्री को जन्‍म दिया। जिसके बाद से शिकायती पत्र लेकर प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र के चक्‍कर काट रहे है लेकिन आज तक मुआवजा की धनराशि उपलब्‍ध नही करायी गयी। प्रियंका का आरोप है कि इसको लेकर तहसील दिवस से लेकर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के कार्यालय तक का चक्‍कर काट रहे है। जिला चिकित्‍सालय के कर्मचारियों का कहना है कि पीएचसी से देर में आवेदन भेजा गया। जिसे 90 दिन के अंदर भेजना चाहिए था। जिस कारण से धनराशि का भुगतान नही किया जा सका है। वही पीएचसी के कर्मचारियों का कहना है कि समय से आवेदन भेजा गया था लेकिन लेटर वापस आ गया। विभाग के कर्मचारियों के पेंच के बीच महिला का मुआवजा धनराशि फंस गया है और दो वर्ष बीतने के बाद भी महिला के हाथ खाली है। इस संबंध में प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र डां रूद्र कान्‍त सिंह ने बताया कि एक प्रतिशत नसबंदी में फेल होने के चांस रहते हैं, इस महिला के साथ भी ऐसा हुआ है। यह मेरे संज्ञान में आज आया है। इसका लेटर विभाग की ओर से बना कर भेजा जाएगा। जिसमें महिला के प्रकरण का पूरा विवरण दिया जाएगा। जिसके बाद उच्‍चाधिकारी के आदेश पर अग्रीम कार्यवाही की जाएगी।