मतसा। क्षेत्र के करैला गांव में नवबर्ष के अवसर पर आयोजित पाक्षिक रामचरित मानस सत्संग में पं. चंद्रेश महाराज ने कहा कि भक्ति पथ के अनुगामी के मार्ग में सात्विक, तामसिक और राजसी प्रवृत्ति के लोग बाधा डालने का प्रयास करते हैं।
सात्विक के साथ विनम्रता का व्यवहार करे और आगे बढ़ने का आशीर्वाद प्राप्त कर यात्रा जारी रखे।तामसी प्रवृत्ति को समाप्त करे और राजसी प्रवृत्ति को आवश्यकता के अनुसार दंडित कर आगे बढ़ जाए भक्त किसी भी दशा में अपनी यात्रा रोके नहीं।फिर एक समय वह अवसर अवश्य आएगा जब कि भक्ति मिलेगी भी और भक्त को सब कुछ प्रदान कर देगी जो कि वह चाहता है।अर्थात भक्ति के मार्ग में अच्छे लोग और बुरे दोनों तरह के लोग बाधक बनेंगे, परन्तु भक्त अपने यात्रा को रोके नहीं। इस आयोजन में संत बिश्रामदास, संत भिखारी महाराज, डा. श्यामनरायन ,बुच्चा महाराज, आरकेश्वर तिवारी, वेदान्ती जी और नगदू यादव ने भी कथामृत पान कराया। कथामंच का संचालन विनोद श्रीवास्तव और नरसिंह यादव ने संतो के प्रति आभार व्यक्त किया।