दिलदारनगर (गाजीपुर) : अघोर सेवा मंडल गिरनार आश्रम के संस्थापक अवधूत सिंह शावक राम बाबा का प्राकट्य दिवस शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया।सांस्कृतिक कार्यक्रम में क्षेत्र के चार विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक नृत्य व गीत प्रस्तुत किया। कस्बा के अंग्रेजी मीडियम प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक पुरुषोत्तम वर्मा को संस्था के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए मुख्य अतिथि ने स्मृति चिह्न व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर ‘वर्तमान शिक्षा की दशा एवं दिशा’ विषयक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि उदित नारायण चौबे प्रोफेसर अर्थशास्त्र विभाग एवं पूर्व अध्यक्ष शिक्षक संघ महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वारणसी ने कहा कि शिक्षक को राष्ट्र एवं मानवता के धर्म को पहचानना होगा।जब देश के जवानों की जवानी संतो के चरणों मे समर्पित होगी तभी राष्ट्र सुरक्षित होगा।बैगर शिक्षा में समानता लाये शिक्षा के दशा एवं दिशा में परिवर्तन संभव नहीं है।समान शिक्षा के लिए आर्थिक समानता जरूरी है।हमने 70 वर्षो में अपने संतो,अध्यापकों,स्वंत्रता सैनानियों के इतिहासों को भुला दिया।इनके इतिहास के बारे में आज के युवा वर्ग को बताना होगा तभी जाकर राष्ट्र सुरक्षित रहेगा।गुरु, संत व अध्यपाक हो बच्चों में अच्छे संस्कार पिरो सकते हैं।अध्यक्षता कर रहे मार्कंडेय सिंह ने कहा कि राष्ट्र की रक्षा के लिए सभी लोगों को संतो के सानिध्य में आना होगा तभी जाकर राष्ट्र का विकास होगा।आश्रम के व्यवस्थापक साधु ओम राम जी ने अभिवावकों,गुरुजनों से आवाहन किया कि समाज एवं राष्ट्र के लिए बच्चों में अच्छे संस्कार की स्थापना करें।मुख्य अतिथि प्रो. उदित नारायण चौबे एवं मार्कंडेय सिंह को संस्था के उपाध्यक्ष रणजीत सिंह द्वारा स्मृति चिह्न व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। सामूहिक नृत्य व एकांकी में सरस्वती शिशु मंदिर प्रथम,आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय द्वितीय व डॉ एपीजी अब्दुल कलाम विद्यालय तृतीय।एकल गायन में डॉ एपीजी अब्दुल कलाम विद्यालय प्रथम,प्रा. वि श्रीरामनगर द्वितीय तथा आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तृतीय।सामूहिक लोक गीत व एकांकी में आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रथम ,सरस्वती शिशु मंदिर द्वितीय एवं डॉ एपीजी अब्दुल कलाम विद्यालय तृतीय स्थान पर रहा।दूर दराज क्षेत्र से पहुंचे भक्तों ने पूजन अर्चन कर प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में रणजीत सिंह, रामनगीना सिंह,भरत लाल, रामअवतार, वेद प्रकाश,सुरेश सिंह,अरविंद सिंह,चंद्रभूषण शर्मा,जवाहिर,सुनील आदि लोग मौजूद थे।संचालन आचार्य डॉ चंद्रभूषण शुक्ला ने किया।