जमानियां। दुर्गा पूजा एवं दशहरा के मद्देनजर पुलिस कोतवाली में शांति कमेटी की बैठक कि औपचारिकता सोमवार को पूरी की गई। जिसमें नगर के प्रथम व्यक्ति को नहीं बुलाया गया और न ही सभासदों‚ ग्राम प्रधान‚ जिला पंचायत सदस्यों आदि को ही बुलाया गया था।
बताते चलें कि विभिन्न त्योहारों को शांति पूर्ण ढंग से संपन्न कराने के उद्देश्य से पुलिस संभ्रात लोगों को आमंत्रित कर शांति कमेटी की बैठक करती है । बैठक के माध्यम से लोगों से राय मसौदा कर विकट समस्या उत्पन्न होने की आशंका पर पुलिस निस्तारण के लिए प्रयासरत हो जाती है। बैठक की सूचना पुलिस नगर सहित क्षेत्र के सभ्रांत नागरिकों को चिह्नित कर सूचित करती है लेकिन पिछले कई बार से नगर के प्रथम व्यक्ति‚ जिला पंचायत सदस्य‚ सभासद सहित ग्राम प्रधान आदि को नहीं बुलाया जा रहा है और महज औपचारिकता पूर्ण कर बैठक कि इतिश्री कर दिया जाता है। बैठक कि मीडिया तक को जानकारी देना भी मुनासिब नहीं समझा जाता है। बैठक की कोरम पूर्ति किया जाना पुलिस की कार्य प्रणाली को उजागर करता है। दर्जन भर लोगों को इकट्ठा कर शांति कमेटी की बैठक कर ली जाती है। बैठक में किसी मुद्दे पर न तो चर्चा की गई और न ही कोई सवाल किये गये। जिला पंचायत सदस्य बसंत यादव ने बताया कि बीते पांच वर्षो में कभी नहीं बुलाया जाता है। आज किसी काम से आये थे और बैठक हो रही थी तो उसमें बैठ गये। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष एहसान जफर ने बताया कि किसी प्रकार की कोई बैठक की सूचना नहीं है। हॉलाकि उपजिलाधिकारी रमेश मौर्य ने दुर्गा पूजा संपंन कराने को लेकर चर्चा की। इस अवसर पर रणजीत यादव‚ इश्वरी राय‚ मयूर सिंह‚ जय प्रकाश गुप्ता‚ शंकर शर्मा‚ राजेश खरवार‚ बृजेश यादव‚ विजय शंकर राय आदि लोग मौजूद रहे। इस संबंध में कोतवाल विमल कुमार मिश्र ने बताया कि नगर पालिका अध्यक्ष को एक बार बैठक में बुलाया गया था लेकिन वे नहीं आये। जिसके बाद से उन्हें नहीं बुलाया जाता है। इस बार बैठक आनन फानन में हुई है। जिस कारण से कई लोग छुट गये है।