संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा पर जन जागरूकता तेज

संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा पर जन जागरूकता तेज

गाजीपुर। मस्तिष्क ज्वर सामान्य बुखार की तरह लगता है लेकिन यह जानलेवा भी हो सकता है। इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचारी रोग पखवाड़ा चलाया जा रहा है। इसके जरिये लोगों को स्वाइन फ्लू के लक्षण और बचाव के उपाय बताने के साथ ही विभिन्न विभागों के साथ ही आशा कार्यकर्ता, एएनएम और आंगनबाड़ी के माध्यम से जागरूक भी किया जा रहा है।

जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि जिले को संचारी रोगों से मुक्त रखना है तो इसके लिए सभी विभागों को मिलकर सहयोग देना अतिआवश्यक है। इस 15 दिवसीय पखवाड़े के दौरान मच्छरों पर नियंत्रण के लिए साफ-सफाई और नालियों में छिड़काव का काम शहरी इलाकों में नगर पालिका एवं ग्रामीण इलाके में पंचायत राज विभाग के द्वारा किया जा रहा है। इसके साथ ही शुद्ध पेयजल के लिए हैंड पंप लगाए जाने की प्रक्रिया है। पूर्व में मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित गांव सदर ब्लॉक का टेढ़वा, महुआ बाग मोहम्मदाबाद ब्लॉकका चकतहा, भांवरकोल ब्लॉक का बढनपुर,जमानिया ब्लॉक का मलसा और मनिहारी ब्लॉक का बीबीपुर गांव है। इस सभी जगहों पर जल निगम के द्वारा हैंड पंप लगाया जाएगा, जिस का बजट मलेरिया विभाग के द्वारा दिया जाएगा।जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि संचारी रोग मुख्यतः सूअर और जलीय पक्षी के द्वारा फैलता है। इसके लिए पशुपालन विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि जानवरों और पक्षियों को आबादी से दूर रखें और साफ-सफाई एवं उनके पालकों को प्रशिक्षित कर आबादी से दूर रखने के लिए प्रेरित करें।उन्होंने कहा कि इस रोग से पीड़ित हुए दिव्यांग की जिम्मेदारी दिव्यांग विभाग की है जो दिव्यांगों कोपुनर्वास केंद्र में स्थापित कर दिव्यांग बच्चे की पूरी देखरेख करने के साथ ही सहायक उपकरण उपलब्ध कराता है और उनकी पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी उठाताहै। इसके अलावा यदि कोई बच्चा6 साल के नीचे है तो आईसीडीएस विभाग इनकी पुष्टाहार की पूरी व्यवस्था करता है।उन्होंने बताया कि पिछले साल जिले में संचारी रोग से 6 लोग पीड़ित थे जिनमें से दो की मौत हो गई थी जबकि 1 दिव्यांग हो गया था। बीमारी से पीड़ित दोनों मृतक के आश्रितों को विभाग के द्वारा मुआवजा दिया गया। उसमें से दिव्यांग व्यक्ति को18 साल पूर्ण होने पर उसका पूरा मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस रोग से बचाव के लिए तेज बुखार होने पर पीड़ित को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं, जहां इलाज की पूरी व्यवस्था है।