जमानियां। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आवाहन पर शुक्रवार की शाम चार बजे से विद्युत उपकेंद्र परिसर में विद्युत कर्मियों ने आवश्यक बैठक की। आगामी 8 व 9 जनवरी को इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2018 के विरोध में प्रदेश भर में कर्मचारियों और अभियंताओं के कार्य बहिष्कार को सफल बनाने की रणनीति तय की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति गाजीपुर के संयोजक निर्भय निर्भय नारायण सिंह ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2018 में विधुत वितरण एवं आपूर्ति अलग अलग किये जाने का प्राविधान है। जिससे विधुत आपूर्ति का काम निजी घरानों को सौंपा जा सके।बिजली पारेषण एवं वितरण का नेटवर्क अरबों रुपए खर्च कर सरकार बनायेगी इस नेटवर्क के मेंटिनेंस पर करोड़ों रुपए प्रति माह सरकार खर्च करेगी और निजी कंपनी पैसा लगाकर मुनाफा का काम करेगी। इसलिए इसको संसद में पारित होने से रोकना होगा। इसमें विद्युत कर्मियों का नुकसान तो है ही साथ ही उपभोक्ताओं को महंगी बिजली 10 से 12 रुपया प्रति यूनिट बिजली मिलनी तय है। विद्युत कर्मियों के साथ साथ उपभोक्ताओं को भी इसका विरोध करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि समान कार्य पर समान वेतन संविदा कर्मियों को मिलना चाहिए। निगमों के एकीकरण कर राज्य विधुत परिषद बनाने की भी मांग की। अधिशासी अभियंता महेंद्र मिश्र ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2018 का विरोध आवश्यक है।साथ ही पुरानी पेंशन बहाली और संविदा कर्मियों को नियमित किया जाना चाहिए। विजय शंकर राय ने कहा कि विधुत प्रबंधन को तत्काल वेतन विसंगतियों का निराकरण किया जाना चाहिए जिससे कर्मचारियों में व्यापत आक्रोश कम किया जा सके। बैठक में जय प्रकाश नारायन, राकेश कुमार सिंह, राकेश चौधरी, अजय विश्वकर्मा, अशोक, जितेंद्र सिंह, इंतजार अहमद, जीवन वर्मा, विनय तिवारी,रामप्रवेश,वीके राव, मदन यादव,धनंजय बिंद,अरविंद यादव,सूर्यप्रकाश समेत सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।