सायं 06 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही होगी आतिशबाजी

सायं 06 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही होगी आतिशबाजी

गाजीपुर। अपर जिला मजिस्ट्रेट (वि0/रा0) राजेश सिंह ने बताया कि दीपावली के अवसर पर पटाखा आदि के प्रयोग से होने वाले वायु एवं ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण हेतु मा0 सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश एवं शासन के पत्र द्वारा आदेशो का कड़ाई पूर्वक अनुपालन करने के सम्बन्ध में निर्देश जारी किये गये है।

उन्होनें बताया कि ऐसे पटाखो का विक्रय प्रतिबन्धित रहेगा जिनमें एण्टीमनी, लीथियम, मरकरी, आरसेनिक, लेड के कम्पाउन्ड या स्टांसियम या स्टांसियम कोमेट या बेरियम साल्ट का प्रयोग किया गया हो। जुडे हुए पटाखे श्रृृखलाबद्ध पटाखे/लड़ी का विक्रय प्रतिबन्धित रहेगा। पटाखों को ऑनलाईन बेबसाइट जैसे फ्लिपकाट, अमेजान इत्यादि के माध्यम से विक्रय नही किया जायेगा। विशेष रूप से पैकेजो एवं विस्फोटको पर चिन्हांकन के संबंध में विस्फोटक नियम, 2008 के नियम-15 का तथा त्योहारो के दौरान आतिशबाजी के कब्जे और विक्रय के लिए अस्थायी दुकानो के सम्बन्ध में विस्फोटक नियम 2008 के नियम-84 में उल्लेखित प्राविधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये।

लाईसेन्स धारक रिट याचिका (सिविल) 728/2015 एंव अन्य में पारित आदेश दिनांक 23 अक्टूबर का अध्ययन करेगे तथा ऐसा कुछ नही करेगे जिससे मा0सर्वोच्च न्यायाल द्वारा पारित आदेशो की अवहेलना हो। पटाखो के फटने के स्थान से 04 मीटर की दूरी पर 125 डी0बी0 (ए0आई0) अथवा 145 डी0बी0 (सी0) पी0के0 से अधिक ध्वनि तीव्रता उत्पन्न करने वाले पटाखों का उत्पादन एवं विक्रय निषिद्ध किया जाय। श्रेणी युक्त एकल पटाखो (संयुक्त पटाखों) के मामलो में उपरोक्त सीमा (05 लॉग, 10 एन0) डेसीबल तक कम की जाये, जहां (एन0) एक साथ संयुक्त पटाखों की संख्या है। उन्होने बताया कि सायं 06 बजे से रात्रि 10 बजे तक की अवधि को छोड़कर पटाखे/आतिशबाजी के प्रयोग की अनुज्ञा नही दी जायेगी और रात्रि 10 बजे से प्रातः 06 बजे तक की अवधि में अतिशबाजी/पटाखो का प्रयोग नही किया जायेगा। शान्त क्षेत्र जैसे अस्पताल, शैक्षिक क्षेत्र, न्यायालय, धार्मिक स्थल या सक्षम प्राधिकारी द्वारा घोषित अन्य किसी क्षेत्र से 100 मीटर की परिधि का क्षेत्रफल में किसी भी समय पटाखें नही छोड़े जायेगें।