सेंट्रल जेल में कैदियों ने लगाये ठहाके

सेंट्रल जेल में कैदियों ने लगाये ठहाके

गहमर। स्थानीय क्षेत्र के गहमर गांव निवासी एवं देश में हास्य के प्रसिद्ध कवियों में शुमार फजीहत गहमरी ने बक्सर के सेंट्रल जेल में आयोजित कवि सम्मेलन में चार चांद लगाया। इनकी हास्य की कविताओं को सुन जेल में बंद कैदी के साथ साथ उपस्थित अधिकारी,कर्मचारी एवं समाजसेवी भी हँसने को विवश हो गए।

“कैदियों के नाम एक पैगाम” बैनर तले जेल प्रशासन द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें बनारस से आई पूनम श्रीवास्तव ने सुबह लिख दूंगी शाम लिख दूंगी,राम के संग श्याम लिख दूंगी।लिखना होगा तो ये यकीं रखना,देश को मैं सलाम लिख दूंगी सुनाकर खूब बाह बाही लूटी। अहमद आज़मी ने “हम अपने पुरखों का जमाना भूल गए,मेहमानों को घर में बुलाना भूल गए,बीवी की फरमाइश पूरी करने में बूढ़ी मां का चश्मा लाना भूल गए” फ़ज़ीहत गहमरी ने “जो देशद्रोही हों उन्हें शूली चढ़ाइए,पत्थर चलाने वालों पे गोली चलाइये, यदि लिप्त दुराचार में कोई मिले बाबा,ले जाके अस्पताल में बधिया कराइये” जैसे कई व्यग के मुक्तक और गीत सुनाकर मंच को उँचाई प्रदान की। लगभग सत्रह सौ कैदियों के अलावा जेलर बक्सर,सुपरिंटेंडेंट,पूरा जेल प्रशासन के अलावा शहर के गणमान्य लोगों में विश्वामित्र ग्लोबल अस्पताल के प्रबंधक डॉ. बी.के.सिंह,समाजसेवी नंद कुमार तिवारी,वरिष्ट पत्रकार शशिशेखर,डॉ. दिलशाद,लता श्रीवास्तव आदि लोग मौजूद रहे।