स्वास्थ्य केंद्रों पर हुआ गर्भवती महिलाओं की जांच

स्वास्थ्य केंद्रों पर हुआ गर्भवती महिलाओं की जांच

गाजीपुर। मातृ एवं शिशु की मृत्यु को रोकने एवं उन्हें समय पर उचित इलाज मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत मंगलवार को जनपद के स्वास्थ्य केंद्र जमानिया, मोहम्मदाबाद, मिर्ज़ापुर, रेवतीपुर, बाराचवर, कासिमाबाद, मनिहारी, मरदह और सदर के साथ अन्य सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की जांच की गयी। जांच के दौरान एचआरपी (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) महिलाओं को चिन्हित कर उन्हें प्रतिमाह जांच एवं उपचार पर रखा गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जी सी मौर्य ने बताया कि जून 2016 से शुरू किए गए इस अभियान का लाभ किसी भी समुदाय की महिला उठा सकती हैं। वह महिलाएं जिन्हें 3 से 6 माह का गर्भ है, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में अपना पंजीयन करा सकती हैं। वहां उन्हें स्वास्थ्य परामर्श, सभी जरूरी जाँचें तथा दवा मुफ्त में दी जाती हैं।उन्होने बताया कि जिन महिलाओं में 7 ग्राम से कम हिमोग्लोबिन पाया जाता है उन्हें एचआरपी की श्रेणी में रखा जाता है और उनकी प्रतिमाह जांच की जाती है। इसके लिए क्षेत्र की आशाओं को 15 दिन या एक माह पर विजिट करने का निर्देश दिया गया है। इन महिलाओं को जांच के साथ ही डिलीवरी हेतु जिला अस्पताल ले जाने की व्यवस्था निःशुल्क की गयी है।उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला किसी सरकारी अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर जांच व डिलीवरी करा सकती हैं। गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए हर महीने की 9 तारीख को जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी अस्पतालों में कैंप लगाए जाते हैं। इस कैम्प में संबंधित महिलाएं अपना कार्ड दिखाकर इन कैंपों में जांच आदि करा सकती हैं।स्वास्थ्य केंद्र मरदह पर डॉ अशोक सिंह, स्टाफ नर्स सीमा मिश्रा के द्वारा 42 गर्भवती महिलाओं की जांच की गयी और जांच के उपरांत तीन महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था की श्रेणी की मिली। इसके साथ ही कासिमाबाद स्वास्थ्य केंद्र के बीपीएम दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि डॉ राजेश यादव के द्वारा कुल 54 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। जांच के उपरांत 12 महिलाओं मेंएचआरपी की समस्या देखी गयी। इसके साथ ही एक महिला में गंभीर रूप से एचआरपी की स्थिति मिली।

अभियान से होने वाले फायदे

मातृ मृत्यु दर कम होगी। गर्भवती महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के मुद्दों, रोगों के बारे में जागरूक कर सुरक्षित प्रसव करा सकेंगे। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं की सभी प्रकार की डॉक्टरी जांच पूरी तरह से मुफ्त होती है। महिलाओं के टेस्ट चिकित्सा केन्द्रों, सरकारी अस्पतालों में किए जाते हैं। महिलाओं को उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर चिह्नित किया जाता है जिससे इलाज में आसानी हो सके। निःशुल्क डिलीवरी के बाद बच्चे का सभी तरह का टीकाकरण एवं उसका चेकअप भी निःशुल्क किया जाता है। पंजीकरण के बाद महिला डॉक्टर महिला की एनीमिया, गर्भावस्था, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, संक्रमण, खून-पेशाब, शुगर की जांच कर रिपोर्ट बनाती है। इसी के आधार पर जरूरी दवाएं नि:शुल्क दी जाती हैं। गर्भवती महिला को अस्पताल प्रबंधन की ओर से एक कार्ड दिया जाता है जिसे दिखाकर वह हर महीने की 9 तारीख को अपना चेकअप कराती है। किसी गर्भवती महिला को उच्च जोखिम गर्भावस्था की स्थिति में शहर बड़े अस्पताल रेफर कर उच्च सुविधाएं दी जाती हैं।