गाजीपुर। उत्तर प्रदेश सरकार गांव-गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं को हर व्यक्ति तक पहुंचाने की कोशिश में लगा हुआ है। ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से ग्रसित लोगों को प्राईमरी जांच जैसे शुगर, हीमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर सहित अन्य जांच कराने के लिए शहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता था। लेकिन अब जिले के 30 ए.एन.एम. सेंटर के साथ ही 20 नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में तब्दील करने की तैयारी में जुट गई है जिससे ग्रामीणवासियों को ग्रामीण स्तर पर ही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर के के वर्मा ने बताया कि प्रदेश में सेकंड फेस में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बनाने के क्रम में गाजीपुर में काम शुरू हो चुका है। मौजूदा समय में 17 स्थानों पर निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। उन्होंने बताया कि हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के तब्दीलीकरण हेतु कुल ₹7 लाख रुपये का बजट शासन ने स्वीकृत किया है। इस सेंटर में एक सीएचओ की पोस्टिंग होगी जो ओपीडी करेगा एवं साथ ही जांच व काउंसलिंग कर सीएससी सेंटर को भेजेगा।
उन्होंने बताया कि 20 न्यू पीएससी पुरानी बिल्डिंग को ब्रांडिंग कर नए साजो-सामान से परिपूर्ण करना है जिसके लिए कुल 8.35 लाख रुपये का बजट है। न्यू पीएससी शुमार सेंटर उतरौली, गहमर, बेटाबर, कुसमीहकला, बरतर, भीमापार, पहेतिया धर्मागतपुर, अंधऊ, रानीपुर, मटेहु, पांडेपुर राधे, अबीसहन, मरदह, नायकडीह, अनौनी, नंदगंज सिरगिथा, बासूचक व देवचंदपुर है।
30 एएनएम सेंटर जिन्हें हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में तब्दील करना है घरिया, हैदरगंज, नसरतपुर, पृथ्वीपुर, बरही, बिहरा, पलिया, रानीपुर, बौरी, इंदौर, सलेमपुर, दुरखुशी, मौधा, भुजहा, सौना, भदैला, उचौरी, अनौनी, बरहपुर, चारिपुर, सिहोरी, सिरगीथ, सराय शरीफ, बासूचक, रामपुर माझा, पाली, देवचंदपुर, दुबैथा, तराव।
वेलनेस सेंटर में नियुक्त महिला स्टाफ उनके क्षेत्र के हर गांव में घर-घर जाकर परिवार के हर सदस्य की स्वास्थ्य जांच करवाएंगी और इनका डिजिटल और फिजिकल रिकार्ड रखेंगी। डिजिटल रिकार्ड तैयार करने के लिए हर केंद्र पर दो टैबलेट दिए जाएंगे।
वेलनेस सेंटर के आस-पास के इलाके में रहने वाले तीस साल से अधिक उम्र के लोगों के बीपी, डायबिटीज व गंभीर बीमारियों की नि:शुल्क जांच की जाएगी और जरूरत के अनुसार उनको दवा और परामर्श दिया जाएगा। वहीं बीमारी के आधार पर तीन केटेगरी बनाई जाएगी जिसमें परहेज और दवा की जरूरत के आधार पर बीमारियों का इलेक्ट्रानिक व फिजिकल रिकार्ड मेंटेन किया जाएगा।
दो हेल्थ अफसर तैनात – वेलनेस सेंटर पर दो चिकित्सा अधिकारी, दो स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, लेडी हेल्थ विजिटर्स और आयुर्वेदिक प्रैक्टिशनर की नियुक्ति की जाएगी।
उप केंद्रों में अभी ये सुविधा – वर्तमान में उप स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्य रूप से दो तरह की सुविधाएं ही उपलब्ध हैं। इसमें टीकाकरण और मातृत्व स्वास्थ्य की जांच और इलाज की सुविधा है। इसके अलावा मौसमी बीमारी, टीबी, मलेरिया की रोकथाम के लिए उपाए भी बताये जाते हैं।