मशरूम की खेती करने वाले 17 साल के युवा छात्र बने बिना खेत वाले किसान

मशरूम की खेती करने वाले 17 साल के युवा छात्र बने बिना खेत वाले किसान

गाजीपुर। वाराणसी में कोविड-19 महामारी शुरू होने के पश्चात जब देश में लॉकडाउन लगा तो बहुत सारे लोगों का रोजगार खत्म हो गया जिसके चलते बहुत सारे लोग बेरोजगार भी हो गए। इसी कमी को दूर करने के लिए एक बार फिर से उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा लगातार रोजगार देने की कवायद की जा रही है।

तो वहीं दूसरी ओर भारत सरकार की ओर से आत्मनिर्भर बनकर स्वरोजगार के लिए भी लोगों को लगातार प्रेरित किया जा रहा है। इसी प्रेरणा को लेकर जनपद में एक 17 साल का युवक हिमांशु जो इंटर का छात्र होने के बाद भी आत्मनिर्भर बनने के बारे में सोचा और उसने ऑस्टर मशरूम की खेती कर बिना खेत का युवा किसान बना ।
हिमांशु ने बताया कि उसका एक मकान जो कुछ दिन पहले बन कर तैयार हुआ था, लेकिन अभी खाली था। इसके बाद उसने खाली जगह में कुछ करने के बारे में सोचा। उसके पापा के दोस्त के द्वारा ऑस्टर मशरूम की खेती एक कमरे से शुरू करने के बारे में बताया । इसके बाद हिमांशु ने इसे शुरू किया और आज मशरूम की एक फसल करीब 30 किलो तोड़कर कुछ बाजार में दुकानदारों के माध्यम से बेचे तो कुछ सुखाया। सूखे मशरूम से पाउडर मशरूम भी तैयार करेंगे जिसे मार्केट में ऊंचे दाम पर बेचा जा सकता है ।
मशरूम के गुण और सेहत के लिए उसके फायदों के बारे में बात करे तो मशरूम न सिर्फ हम स्वस्थ रखने में मदद करती है, बल्कि बीमारी की अवस्था में उससे उबरने में भी मदद कर सकती है। इसके बारे में एसीएमओ डॉ के के वर्मा ने बताया कि मशरुम मधुमेह के रोगियों व मोटापे के शिकार लोगों के लिये उत्तम भोजन है। मशरूम में कोलेस्ट्रॉल विहीन गुणवत्ता वाली कम वसा होती है। इन गुणों के कारण हृदय रोगियों के लिये यह श्रेष्ठ आहार है।
एसीएमओ डॉ उमेश कुमार ने बताया कि दूध, अण्डा, मांस, मछली, पालक, सामान्य सब्जियों एवं दालों की तुलना में मशरूम में बहुत ही अच्छी गुणवत्ता वाला प्रोटीन पाया जाता है। मशरूम प्रोटीन की गुणवत्ता मांसाहारी आहार के बराबर आंकी गयी है। सूखी मशरूम, ढींगरी और अन्य सूखे मशरूमों में 20 से 30 प्रतिशत तक प्रोटीन होता है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि मशरूम में फॉलिक एसिड तथा विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स के साथ आयरन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है। परिणामस्वरूप एनीमिक (खून की कमी) रोगियों के लिये यह दवाई का काम करता है। गर्भवती और बच्चों को मशरूम खाने की सलाह दी जाती है। इसके सेवन से कुपोषण में भी कमी लाई जा सकती है।