
गाजीपुर में एक साथ एक दो नहीं बल्कि 6 बच्चों के अचानक से गायब होने का मामला सामने आया है। मामला 22 अप्रैल का है जब परिवार के लोग ईट भट्टे पर काम कर रहे थे और बच्चे ईट भट्टे के पास ही खेल रहे थे और जब परिवार के लोग भट्टे से अपना काम निपटाना के बाद वापस अपने आवास पर पहुंचे तब उनके सभी बच्चे (3 बालक, 3 बालिका) नहीं मिले। इसके बाद से ही वह लोग अपने बच्चों को खोज खोज कर परेशान है । वही इस मामले के चार दिन बीत जाने के बाद पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया है।
गाजीपुर जनपद के जमानिया कोतवाली इलाके के उमरगंज नई बस्ती जहां पर मन्नू राय के ईट भट्ठा पर पिछले 15 सालों से सुभाष पुत्र राजदेव,ओमप्रकाश ,राजदेव आदि का पूरा परिवार ईट पाथने का कार्य करता चला आ रहा है। और इसी भट्टे पर वह अपनी पूरी जीवन बिताते हैं यानी कि काम और उसके बाद रहने की भी पूरी व्यवस्था यहीं पर झोपड़ी डालकर रहते भी हैं । साथ ही उनके बच्चे भी जब यह लोग काम करते हैं तो वह इधर-उधर खेलते रहते है और इसी खेलने के दौरान 22 अप्रैल को करीब 4:30 बजे उनके परिवार के कुल 6 बच्चे जिसमें तीन लड़के और तीन लड़कियां शामिल है। और सभी नाबालिक है अचानक से लापता हो गए हैं।
लापता होने वालों में अतवारी उम्र 12 साल, अर्जुन उम्र 10 साल और रोशन उम्र 11 साल जो ओमप्रकाश के लड़के हैं और लक्ष्मीना 5 वर्ष, फेयफी उम्र 5 वर्ष और अमित उम्र 10 वर्ष है जो रेवतीपुर के डेढ़गावा और मैनपुर करंडा के रहने वाले हैं। और यह सभी लोग बनवासी समाज से आते हैं यह सभी 22 अप्रैल से ही खेलते वक्त ही लापता हो गए हैं।
उनके माता-पिता और अन्य लोग जो ईंट भट्ठे पर काम करते हैं और जब यह लोग काम कर करीब 5:00 बजे अपनी अपनी झोपड़ी में पहुंचे तब उनके बच्चे वहां पर नहीं थे। इसके बाद से ही यह लोग लगातार उनकी खोजबीन कर रहे हैं लेकिन कहीं पता नहीं चला। जिसको लेकर यह लोग शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे लेकिन पुलिस अधीक्षक से मुलाकात नहीं हो पाई थी। तो इन लोगों ने बताया कि किसी ने उनके मोबाइल पर बात कराया था। जिसका इन लोगों ने जानकारी दिया और उनके व्हाट्सएप पर अपना शिकायत पत्र भेजा था।
इन सभी लोगों ने यह भी बताया कि 22 अप्रैल की घटना होने के बाद वह लोग कोतवाली जमानिया भी पहुंचे थे और इसकी जानकारी वहां पर दिया गया। लेकिन इन पुलिस के द्वारा कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया सिर्फ खोजे जाने का आश्वासन दिया। लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी जब बच्चे नहीं मिले तब यह लोग थक हार का पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे थे।
इनकी गरीबी और बेबसी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके कुल 6 बच्चे गायब हुए हैं। लेकिन उनके पास मात्र तीन बच्चों की ही फोटोग्राफ्स उपलब्ध है जो उन्होंने मीडिया के साथ ही पुलिस को भी उपलब्ध कराया है।
हालांकि पीड़ित परिवार के लोग जब पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर इसकी जानकारी फोन और व्हाट्सएप के माध्यम से पुलिस अधीक्षक को दिया। तब पुलिस भी एक्टिव मोड में आ गई और जो पुलिस पिछले दो-तीन दिनों से हाथ पर हाथ धर कर बैठी थी वह पुलिस 25 अप्रैल को देर शाम बीएनएस की धारा 137 (2) के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई करने में जुट गई है।