तकनीक के क्षेत्र में भी सर्वोत्कृष्ठ है हमारा भारत, राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का आयोजन

तकनीक के क्षेत्र में भी सर्वोत्कृष्ठ है हमारा भारत, राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का आयोजन

जमानियां। स्टेशन बाजार स्थित हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में भारत सरकार एवं एनसीसी यूपी बटालियन 91 के कमान अधिकारी कर्नल पीके मिश्रा के आदेशानुसार महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. एस एन सिंह के कुशल निर्देशन में राष्ट्रीय कैडेट कोर(एनसीसी ) एवं विज्ञान संकाय के संयुक्त तत्वावधान में “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” का आयोजन किया गया। जिसमे सभी एनसीसी कैडेट्स की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो0 एस एन सिंह ने किया। कार्यक्रम का विषय प्रवर्तन महाविद्यालय के आईक्यूएसी प्रभारी प्रोफेसर अरुण कुमार ने उपस्थित समस्त कैडेट्स तथा छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा “जय विज्ञान, जय अनुसंधान” एक प्रेरणादायक नारा है जो विज्ञान और अनुसंधान के महत्व को दर्शाता है। विज्ञान और अनुसंधान मानवता की प्रगति के प्रमुख स्तंभ हैं। इन दोनों के माध्यम से हम नई-नई तकनीकों, चिकित्सा उपचारों, और नये ज्ञान की खोज करते हैं जो हमारे जीवन को बेहतर बना सकते हैं। विज्ञान ने प्राकृतिक घटनाओं को समझने, समस्याओं का समाधान खोजने, और नई तकनीकी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज भारत विभिन्न क्षेत्रों के साथ- साथ अंतरिक्ष में भी निरंतर उन्नति कर रहा है और इस प्रगति में हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का बहुत बड़ा योगदान है। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर कैप्टन अंगद प्रसाद तिवारी ने एनसीसी कैडेट्स को भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक जैसे विक्रम साराभाई, सतीश धवन इत्यादि के योगदान के बारे में बताया साथ ही उन्होंने अपने सभी कैडेट्स को रक्षा के क्षेत्र में तकनीक का इस्तेमाल किस स्वरूप में किया जाना चाहिए इसके बारे में भी जानकारी दी। वक्तव्य को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान समय के तकनीक केवल मदद ही नही अपितु सशक्ति का साधन साबित हो रही है। भारत ने सदैव विश्व को सर्वश्रेष्ठ दिया है और निरंतर बेहतर देने की ओर अग्रसर है। विक्रम साराभाई और सतीश धवन, दोनों ही भारत के दो अनमोल रत्न थे जिन्होंने देश को विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति दिलाने व भारत के इतिहास में अपनी एक खास जगह बनाई हैं। तत्पश्चात, भौतिक विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ महेंद्र कुमार ने कैडेट्स व छात्र -छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान और अनुसंधान का योगदान केवल तकनीकी या चिकित्सा क्षेत्र तक सीमित नहीं है; यह शिक्षा, सामाजिक विकास, और पर्यावरण संरक्षण जैसे विभिन्न पहलुओं को भी प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, क्लाइमेट चेंज की समझ और उसके प्रभावों की जांच अनुसंधान के माध्यम से ही संभव हो पाई है, जिससे पर्यावरणीय नीतियों को बेहतर बनाने में मदद मिली है। उन्होंने पीपीटी (चल चित्र के माध्यम से) चन्द्रयान मिशन की संपूर्ण पृष्ठभूमि दिखाई। जिसको समस्त सभागार ने खूब सराहा व एनिमेशन के द्वारा दिखाई गई तस्वीरें गर्व की अनुभूति कराने में कारगर साबित हुई।
संपूर्ण कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ0 अभिषेक तिवारी ने किया। साथ ही उन्होंने समस्त सभागार व छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए बताया कि चांद को छूकर जीवन को छूना, निःसंदेह ही स्वर्णिम युग की ओर भारत अग्रसर है और क्योंकि भारत वसुदेव कुटुंबकम के सिद्धांत में विश्वास रखता है अतः यह उपलब्धि केवल देश के लिए ही नहीं वरन संपूर्ण विश्व के लिए गौरव का विषय है। उक्त कार्यक्रम में महाविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स विजय ,अभिषेक ,राजू,
अनिवेश, महजबीन, ज्योति, तान्या, नेहा समेत समस्त एनसीसी कैडेट्स एवं विज्ञान संकाय के छात्र छात्रा उपस्थित रहे।