स्वच्छ भारत की हकीकत: सफाई अभियान की हवा निकाल रहे सफाई कर्मी अधिकारी भी मस्त

स्वच्छ भारत की हकीकत: सफाई अभियान की हवा निकाल रहे सफाई कर्मी अधिकारी भी मस्त

जमनिया(गाजीपुर) एक तरफ जिला पंचायत राज अधिकारी अंशुल मौर्य सफाईकर्मियों के लापरवाही को लेकर सख्त है तो वहीं दूसरे तरफ कुछ सफाईकर्मी ”तू डाल डाल तो मैं पात पात” का कहावत को चरितार्थ करते नजर आ रहे हैं।‌

छ महीनो से बंद पड़ा सामुदाईक शौचालय
दुर्दशा में कंप्यूटर कक्ष

आपको बता दें कि क्षेत्र के ताजपुर मांझा गांव में तीन सफाईकर्मी नियुक्त है, लेकिन फिर भी गन्दगी का अंबार लगा हुआ है बजबजा रहीं नालियां गम्भीर बिमारी को दावत दे रही है। सड़क पर नाली का बहता पानी गॉव की स्वच्छता भारत अभियान को खुद ही बया कर रहा है। ऐसे में स्वच्छ भारत मिशन का स्वप्न कैसे साकार हो सकता है। ग्रामीणों की शिकायत पर प्रेस की टीम गॉव में पहुँची तो यह तीनों सफाईकर्मी नही मिले,इसके बाबत जब गांव के प्रधान से इस मामले में दूरभाष से जानने की कोशिस की तो सोने पे सुहागा ये की प्रधान जी को पता ही नही की उनके गांव में कितने सफाई कर्मी है,दूसरा जब उनसे सामुदायिक शौचालय बंद क्यों है पूछने पर बताया कि भर गया है टैंक एक महीने से,शिकायत की है ब्लॉक में देखिए कब साफ कराते है अधिकारी,वही ग्रामीणों से पूछने पर उनका कहना है कि सफाई कर्मी नही आते है और सामुदायिक शौचालय पिछले पांच छ महीने से बंद चल रहा है,इन सब बातों से यही लगता है की प्रधान से लेकर सफाईकर्मी तक सभी आपस में मिल बांटकर सरकार की मंशा और राजस्व पर चुना लगाने का कार्य कर रहे है,अब देखना यह है की डीपीआरओ और सीडीओ इस मामले में क्या कार्यवाही करते है।