जमानिया (गाजीपुर) क्षेत्र के असैचंदपुर गांव में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित अंबेडकर बे०प्रा पाठशाला में पढ़ाते मिले प्राइवेट शिक्षक।
वाह रे हेडमास्टर साहब इसे कहते है सरकारी वेतन पर मौज और मनमानी शिक्षक द्वारा अपनी मनमर्जी से
प्राइवेट शिक्षक रखकर बच्चो को पढ़ाया जा रहा है। जहा सरकार शिक्षा वायवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकारी बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च कर रही है और शिक्षक भर्ती के लिए नियम बना रही है वही विद्यालय के हेडमास्टर साहब ने तो खुद ही प्राइवेट शिक्षक को भर्ती कर लिया और तो और वेतन भी दे रहे है और स्वयम कुर्सी तोड़ रहे है ।
जब इस संबंध में वहां के प्रधानाध्यापक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमने रखा है अपनी सुविधा के लिए, बच्चे ज्यादा है और पढ़ाने वाले सिर्फ हम दो शिक्षक , जब बच्चो के बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ८०बच्चो का नमांकन है विधालय मे, उसके सापेक्ष बच्चो कि उपस्थिति लगभग २०के आस पास थी, प्रभारी ने यह भी बताया कि ये जो प्राइवेट शिक्षक हम रखे हैं इसकी जानकारी हमारे समाज कल्याण अधिकारी को भी हैं, इस संबंध में जब हमने समाज कल्याण अधिकारी से फ़ोन द्वारा जानना चाहा तो उन्होंने आश्चर्य चकित होकर कहा कि सरकारी विद्यालयों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है , अगर ऐसा है तो हम जांच कर कार्यवाही करेंगे