पीड़ित पक्ष को 44 साल बाद मिला हाईकोर्ट से न्याय

पीड़ित पक्ष को 44 साल बाद मिला हाईकोर्ट से न्याय

गाजीपुर। दादा का किया पोता भुगतता है या भोगता है यह कहावत बहुत पुरानी है लेकिन गाजीपुर में यह कहावत उस वक्त चरितार्थ हुई जब 44 साल के बाद दादा के द्वारा किए हुए मुकदमे के मामले में उसके पोते को बिजली विभाग ने हाई कोर्ट के आदेश पर 1648000 का भुगतान डीडी बनाकर किया । जी हां यह पूरा मामला 44 साल पहले का है जब बाबूलाल शाह जो माल गोदाम रोड के रहने वाले थे और उन्होंने आटा चक्की और स्पेलर मिल लगाया हुआ था। उनपर बिजली विभाग का बकाया था, बकाया भुगतान न करने पर विभाग ने मुकदमा दर्ज किया जिसके बाद उपभोक्ता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया सिविल कोर्ट ने आदेश दिया था कि उपभोक्ता को बिजली न काटी जाए और बिल जमा कर दिया जाए। बावजूद इसके बिजली काट दी गई थी जिसके बाद उपभोक्ता कोर्ट में चला गया था। वही कोर्ट के आदेश के बाद भी भुगतान नहीं करने पर 14 अगस्त 2024 को बिजली विभाग के सरकारी कार्यालय लाल दरवाजा को सील कर दिया था।
पूरा मामला 20 जनवरी 1980 का है जब सदर कोतवाली इलाके के माल गोदाम रोड के रहने वाले बाबूलाल साहू के द्वारा लगाए गए आटा चक्की और स्पेलर मशीन के लिए बिजली विभाग के द्वारा लिए कनेक्शन के बकाया बिल का भुगतान न करने पर विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद उपभोक्ता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उस वक्त सिविल कोर्ट ने आदेश दिया था कि उपभोक्ता की बिजली न काटी जाए। और वह बिल जमा कर देगा बावजूद उसके विभाग ने उसकी बिजली काट दिया था। जिसके चलते उपभोक्ता का व्यवसाय बंद हो गया था और बाबूलाल साहू ने बिजली काटने से व्यवसाय में नुकसान का मुकदमा 20 जनवरी 1980 को दर्ज कराया था।
इस मामले में लगातार तारीख पर तारीख चलती रही और एक बार 26 मई 1990 को कोर्ट के आदेश पर बिजली विभाग का दफ्तर सील कर दिया गया था। बाद में कोर्ट के माध्यम से विभाग ने इसे खुलवा लिया और उसके बाद ही मामला कोर्ट में चला रहा था। इस मामले में कोर्ट ने 20 जनवरी 1980 से लेकर 1 मई 2014 तक करीब 34 वर्ष का ₹4000 प्रतिमाह के हिसाब से हर्जाना देने का आदेश 1 मई 2014 को दिया था। इसके आदेश के क्रम में पीड़ित को 1648000 मिलना था।
1980 से चल रहे मुकदमे के वादी बाबूलाल साहू जिनकी उम्र हो जाने के बाद उनकी मौत भी हो गई। और फिर इस मुकदमे की पैरवी उनके पोते कृष्ण कुमार साहू और गणेश साहू के द्वारा लगातार किया जाता रहा। कोर्ट के आदेश पर भी पीड़ित को हर्जाने की रकम नहीं देने पर एक बार फिर से 14 अगस्त 2024 को बिजली विभाग का लाल दरवाजा ऑफिस को सील कर दिया गया ।जिसमें अधीक्षण अभियंता बिजली विभाग, अधिशासी अभियंता मीटर के साथ ही अधिशासी अभियंता विद्युत खंड 3 का कार्यालय भी करीब 15 से 16 दिन तक बंद रहा। हालांकि बाद में विभाग के लोगों ने कोर्ट का सहारा लिया और कोर्ट के निर्देश पर इसे खोल दिया गया था।

यह पूरा मामला हाई कोर्ट में चल रहा था जिसमें पिछले दिनों हाईकोर्ट ने बिजली विभाग के साथ ही बाबूलाल के पोते को भी नोटिस भेजा था। इसी नोटिस की जानकारी पर दोनों पक्ष हाई कोर्ट पहुंचे थे और वहीं पर बिजली विभाग के अधिकारी ने कोर्ट के सामने ही 1648000 का बैंक ड्राफ्ट बाबूलाल के पोते गणेश साहू को सौपा।
गणेश साहू जो पेशे से अधिवक्ता भी हैं और अपने केस की वह खुद पैरवी भी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के नोटिस पर वह हाई कोर्ट गए हुए थे । वहां पर बिजली विभाग के अधिकारी भी पहुंचे थे जहां पर मुझे 1648000 का बैंक ड्राफ्ट माननीय कोर्ट के सामने दिया गया। इसके बाद उन्होंने बताया कि अब उनका भुगतान हो जाने पर अब इस केस को खत्म मान लिया जाए।