किसान पाठशाला में फसलो के अवशेष प्रबंधन पर जोर

किसान पाठशाला में फसलो के अवशेष प्रबंधन पर जोर

सेवराई। द मिलियन फ़ार्मर्स स्कूल किसान पाठशाला के दूसरे चरण के चौथे दिन गुरुवार शाम क्षेत्रीय विधायक सुनीता सिंह और उपकृषि निदेशक के.के. सिंह की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के शुरुआत मुख्य अतिथि जमानिया विधायक सुनीता सिंह एवं उप कृषि निदेशक के.के.सिंह के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। उपकृषि निदेशक के.के. सिंह ने कृषि विभाग के द्वारा चलाई जा रही राष्ट्रीय ख़ाद्य सुरक्षा मिशन, बीज ग्राम योजना तथा इन-सीटू ऑफ क्रॉप रेजिड्यू योजनान्तर्गत फसलो के अवशेष प्रबंधन हेतु कृषि यंत्रों हैप्पी सीडर, मल्चर, पैडी स्ट्रॉ चॉपर, जीरो सीड ड्रिल कम फर्टीलाइजर, कस्टम हायरिंग सेन्टर एवं फार्म मशीनरी पर बारी-बारी से विस्तृत चर्चा किया तथा जैविक खेती के महत्व, तकनीकी एवं रोग नियंत्रण पर चर्चा करते हुए बताया कि जैविक खादों के प्रयोग से मृदा का जैविक स्तर बढ़ता है। जिससे लाभकारी जीवाणुओं की संख्या बढ़ जाती है। इससे मृदा की उपजाऊपन बनी रहती है। रासायनिक खादों के मुकाबले जैविक खाद सस्ते, टिकाऊ एवं बनाने में आसान होते हैं। इसके प्रयोग से मृदा में ह्यूमस की बढ़ोतरी होती है। किसान अपने खेत में पुआल, घास फूस, पत्तियां आदि न जलाये बल्कि इसे इकट्ठा कर वर्मी कंपोस्ट बनाएं।किसान पाठशाला में उपकृषि निदेशक के.के. सिंह और विधायक सुनीता सिंह को अपने बीच मे पाकर किसानों ने उनका बारी बारी से माल्यार्पण एवं पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। विधायक सुनीता सिंह ने सरकार द्वारा किसानों की आय वर्ष 2022 तक दुगुनी करने के संबंध कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही किसान पाठशाला की प्रशंसा की। उपस्थित अधिकारियों से कहा कि शासन द्वारा जो भी योजनाएं चलाई जा रही है सभी किसानों को मिलना चाहिए जिससे किसानों की आय में बृद्धि हो सके। सहायक विकास अधिकारी कृषि इन्द्रेश कुमार वर्मा ने सुरक्षित कृषि रक्षा रसायन प्रयोग के उपाय एवं आई.पी.एम. का सजीव प्रदर्शन करके किसानों को दिखाया।
इस पाठशाला में मार्कण्डेय सिंह, दामोदर सिंह, तारकेश्वर सिंह, विनय सिंह, अजय सिंह, ज्ञानदेव सिंह, प्रमोद सिंह, सुजीत सिंह के साथ सैकड़ो किसान उपस्थित रहे।

डा. राणाप्रताप सिंह

गहमर। भदौरा के घोषवल ग्राम सभा मे चल रहे किसान पाठशाला में किसानों को जैविक खेती की आवश्यकता की जानकारी तकनीकी प्रबंधक सच्चिदानन्द पाण्डेय द्वारा जैविक खेती का एक विशेष फार्मूला भी किसानों बताया गया।