फाइलेरिया मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान का हुआ शुभारंभ

फाइलेरिया मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान का हुआ शुभारंभ

ग़ाज़ीपुर। राजकीय महिला महाविद्यालय मे सोमवार को नगर पालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल ने फाइलेरिया मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान का शुभारंभ किया। यह अभियान 10 दिसंबर तक पूरे जनपद में चलाया जाएगा। इसके तहत दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को छोड़कर सभी लोगों को एल्बेण्डाज़ोल और डाई एथाईल कार्बमाईजीन (डीईसी) की दवा खिलाई जाएगी। महाविद्यालय की छात्राओं, प्रधानाचार्य और अध्यापकों को दवा खिलाकर अभियान की शुरुआत की गयी।

इस अवसर पर नोडल अधिकारी और एसीएमओ डॉ डीपी सिन्हा ने बताया – इस अभियान के लिए जिले के 36 लाख लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए विभाग की ओर से 2,875 टीमों का गठन किया गया है। एक टीम में दो सदस्यों को शामिल किया गया है, जो घर-घर पहुंचकर लोगों को अपने सामने दवा खिलाने का काम करेंगे। इसके लिए सुबह के 11 बजे से शाम 5 बजे तक का समय भी निर्धारित किया गया है।

उन्होंने बताया कि फाइलेरिया का यह अभियान प्रदेश के 19 जनपदों में चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया - इसके दवा का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। फाइलेरिया  धीर-धीरे आपके पूरे शरीर पर असर दिखाता है। इसकी शुरुआत ऐसे होती है कि आपके शरीर के अंग जैसे पैर, स्तन, हाथ, मुंह सूज जाते हैं।
फाइलेरिया रोग जिसे हाथी पांव या फील पांव भी कहते हैं, में अक्सर हाथ या पैर बहुत ज्यादा सूज जाते हैं। इसके अलावा फाइलेरिया रोग से पीड़ित व्यक्ति के कभी हाथ, कभी अंडकोष, कभी स्तन आदि या कभी अन्य अंग भी सूज सकते हैं। एलीफेंटिटिस यानि श्लीपद ज्वर एक परजीवी के कारण फैलती है जो कि क्यूलेक्स मच्छर के काटने से शरीर के अंदर प्रवेश करता है। इस बीमारी से मरीज के पैर हाथी के पैरों की तरह फूल जाते हैं। इस रोग के होने से न केवल शारीरिक विकलांगता हो सकती है बल्कि मरीजों की मानसिक और आर्थिक स्थिति भी बिगड़ सकती है। 
इस कार्यक्रम में एडीएम राजेश सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जी सी मौर्य, एसीएमओ डॉ आर के सिन्हा, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ निशांत, जंगीपुर विधानसभा के विधायक प्रतिनिधि पप्पू यादव के साथ कॉलेज की प्राचार्य और शिक्षक उपस्थित रहे।

बचाव
• मच्छरों से बचने के लिए विशेष ध्यान दें
• आस-पास साफ पानी भी इकट्ठा न होने दें
• पानी न हटा पाएं तो उसमें केरोसीन डाल दें
• चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ रखें
• पूरी बाजू का कपड़ा पहने और साफ-सफाई रखें
• सोते वक्त हाथ व पैर में सरसों या नीम का तेल लगा लें