टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए प्रशिक्षण शुरू

टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए प्रशिक्षण शुरू

ग़ाज़ीपुर। प्रधानमंत्री के द्वारा पूरे भारत को 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है । उसको लेकर अब विभाग ने भी कमर कस लिया है और टीबी मुक्त भारत की ओर कदम बढ़ाते हुए जनपद के सभी चिकित्सा अधिकारियों को टीबी नोटिफिकेशन प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। जो 19 दिसंबर से 21 दिसंबर तक चलेगा।

इस प्रशिक्षण के लिए एसीएमओ डॉ केे के वर्मा,डॉ मिथिलेश कुमार सिंह को पूर्व में प्रशिक्षित किया जा चुका है ।जो आए हुुए डॉक्टरों को प्रशिक्षण देने का कार्य कर रहे हैै।
एसीएमओ डॉ के के वर्मा ने बताया कि जनपद की जनसंख्या के सापेक्ष प्रति एक लाख पर 164 टीबी के मरीज होने चाहिए ।जबकि विभाग ने अब तक मात्र 63 टीबी मरीजों को ही खोज पाया है जो लक्ष्य का मात्र 40% है। ऐसे ही मरीजों को खोजने के लिए जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात चिकित्सकों को टीबी मरीजों को लेकर प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जहां जहां देश को 2025 तक टीबी मुक्त कराने का लक्ष्य रखा गया है वही जनपद गाजीपुर के दो ब्लॉक देवकली और करंडा को 2021 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
जिला समन्वयक डॉ मिथिलेश सिंह ने बताया कि 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2018 तक जनपद में कुल 3093 मरीज खोजे गए थे । वहीं साल 2019 का लक्ष्य 4370 मरीज है । जिसके सापेक्ष 30 नवंबर तक 2870 मरीज खोजे जा चुके हैं । जो अपने लक्ष्य से काफी पीछे हैं । और इसी कम लक्ष्य को पूरा करने को लेकर अब जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात चिकित्सकों को प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा रहा है । ताकि वह ग्रामीण इलाकों में निवास करने वाले टीबी मरीजों को चिन्हित कर सकें जिसके बाद उनका इलाज कर प्रधानमंत्री के सपनों को पूरा किया जा सके।
टीबी के चयनित किए गए मरीजों को एक ओर जहां उनका इलाज निशुल्क किया जाता है। तो वही उन्हें डीबीटी योजना के तहत ₹500 प्रति माह इलाज चलने तक उनके खाते में भी दिया जाता है। ताकि वह इलाज के दौरान अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दे सके।
आज के इस कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ आर के सिन्हा, डॉ डीपी सिन्हा, प्रशिक्षक डॉ धीरेंद्र प्रताप सिंह ,अनुराग पांडे, संजय यादव, सुनील वर्मा आदि रहे।