सम्पूर्ण विश्व के विकाश में भूमिहार- ब्राह्मण का अहम योगदान : पूज्यपाद दण्डी स्वामी श्री अनन्तानन्द सरस्वती जी

सम्पूर्ण विश्व के विकाश में भूमिहार- ब्राह्मण का अहम योगदान : पूज्यपाद दण्डी स्वामी श्री अनन्तानन्द सरस्वती जी

सुहवल। स्थानीय क्षेत्र के ढढ़नी चंडी माता परिसर के भगवान परशुराम सभागार में बावनों दोनवार भूमिहार ब्राह्मण महासभा की बैठक आहूत की गयी। बैठक में महासभा के नवीन कार्यसमिति के पुनर्गठन हेतु निर्वाचन तिथि व संगठन के पंजीकरण के नवीनीकरण पर विचार विनिमय के साथ वाराणसी शिवाला घाट स्थित राजगुरु मठ के पुनरुद्धार पर विस्तृत चर्चा की गयी।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए पूज्यपाद दण्डी स्वामी श्री अनन्तानन्द सरस्वती जी (वर्तमान मठाधीश्वर राजगुरु मठ शिवाला घाट वाराणसी )ने कहा कि भूमिहार ब्राह्मण समाज का इतिहास अति प्राचीन है ।सम्पूर्ण विश्व के विकाश में भूमिहार- ब्राह्मण का अहम योगदान रहा है।उदाहरण स्वरूप हमारे समाज के स्वामी सहजानंद सरस्वती का सम्मान नेता सुबाष चन्द्र बोष भी करते थे।आज भी भूमिहार ब्राह्मण समाज को जागृत हो भारत को विश्व गुरु बनाने में सहयोग करना होगा।आगे उन्होंने कहा कि वाराणसी शिवाला घाट स्थित राजगुरु मठ का भूमिहार ब्राह्मण समाज से बहुत गहरा सम्बन्ध है।इसलिये इस मठ का पुनरुद्धार कर अपने समाज के गरीब भाई बंधुओ को मजबूत करना अति आवश्यक है। कार्यक्रम में बावनो दोनवार ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष राम नगीना राय, द्वारिकानाथ राय, दया राय, रामसुमेर राय, आदि ने भी सम्बोधित किया।कार्यक्रम का संचालन सभा के महासचिव राम प्रवेश राय ने किया। इस अवसर पर कमलेश राय, राम जी राय, साधु राय, मुटुर राय,अरविंद राय ,अम्बुज राय ,संतोष राय, प्रताप राय, रविन्द्र राय, प्रशांत राय, पवन राय ,कृपाशंकर राय, राजकुमार राय सहित दर्जनों की संख्या में लोग उपस्थित रहे ।