आजीवन संघर्ष किये स्वामी सहजानन्द सरस्वती-विनय राय

आजीवन संघर्ष किये स्वामी सहजानन्द सरस्वती-विनय राय

गाजीपुर। स्वामी सहजानन्द सरस्वती की 131वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में स्वामी सहजानन्द शोध संस्थान द्वारा आयोजित जयन्ती समारोह एवं किसान मंथन शिविर का आयोजन प्रबोधिनी भवन मानिकनगर लहरतारा में सुबह 10 बजे स्वामी सहजानन्द सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पाजलि अर्पित करके हुआ ।

जयन्ती समारोह एवं किसान मंथन शिविर की अध्यक्षता करते हुये किसान नेता विनय शंकर राय “मुन्ना” ने कहा कि किसान अन्दोलन के जनक, आजादी के अन्दोलन में किसानों एवं मजदूरो को जोड़कर अंग्रेजी हुकूमत की जड़े उखाड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने वाले स्वामी सहजानन्द सरस्वती जी का जन्म 22 फ़रवरी 1889 को महाशिवरात्रि के दिन देवा ग्राम, दुल्हपुर जखनिया में हुआ था, दण्डी स्वामी सहजानन्द सरस्वती आजीवन किसान हितो हेतु संघर्ष करते रहे ।
श्वेता राय ने कहा कि स्वामी सहजानन्द सरस्वती वेद, उपनिषद, कुरान, बाइबिल इत्यादि ग्रन्थों का गहराई से अध्ययन-अध्यापन एवं मनन करते हुये प्रकाण्ड विद्वता हासिल किये, तीर्थों धार्मिक स्थलों का पैदल भ्रमण करते हुये मन्दिरों , गुफाओं एवं कन्दराओ में तपस्या करते हुये भगवान को खोजते रहे लेकिन उनको धरती पर भगवान किसान के रूप में मिला जिसके हितों हेतु आजीवन संघर्षनात्मक एवं सृजनात्मक कार्य को ही भगवान का असली अराधना मानकर आजीवन किसान हितो हेतू संघर्ष करते रहे, वे बेबाक लेखक, समाजसुधारक एवं महान अन्दोलनकारी थे। आजादी के अन्दोलन में किसानों एवं मजदूरो को जोड़कर अंग्रेजी हुकूमत की जड़े उखाड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किये, ऐसे भारत माँ के महान सपूत स्वामी सहजानन्द सरस्वती को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए किसान हित में इमानदारी से कार्य करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।
समारोह एवं किसान मंथन शिविर की अध्यक्षता किसान नेता विनय शंकर राय “मुन्ना” संचालन दिलीप मिश्रा एवं धन्यवाद ज्ञापन वसीम अंसारी ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कुंवर नन्द कुमार ” पम पम राय”, अरविंद सिंह, दीन दयाल राय, गगन प्रकाश यादव, बेचू यादव, मेवा पटेल, प्रेम साह, विजय गुप्ता, सन्तोष कन्नौजिया, शिव कुमार सोनकर, बद्री यादव, भागवत सिंह सहित इत्यादि लोग शामिल थे।