हमीद सेतु पर नियमों की अनदेखी एनएचएआई अपने लोडेड वाहनों का कर रहा संचालन

हमीद सेतु पर नियमों की अनदेखी एनएचएआई अपने लोडेड वाहनों का कर रहा संचालन

सुहवल।दूसरों को नियमों की दुहाई देने वाला एनएचएआई खुद नियमों को ताक पर रख क्षतिग्रस्त हमीद सेतु से अपने बडे लोडेड वाहनों का धडल्ले से संचालन कर रहा है,जिससे की पुल के क्षतिग्रस्त होने की और संम्भावनाएं काफी बढ गई है।

पिछले दिनों 31 मार्च को हमीद सेतु के मरम्मत के बाद विभागीय इंजीनियरों के द्वारा गत 3 अप्रैल को पुल के निरीक्षण के दौरान पीले एक एवं दो के मध्य स्थित ज्वाईंटर नंम्बर चार के रोलर बेयरिंग खिसकने एवं स्लैब नंम्बर एक के खिसकने का मामला सामने आया था ।जिससे की प्रशासन एवं एन एच ए आई में हडकंम्प मच गया था । एनएचएआई के विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते मरम्मत कार्य शुरू होने में अभी करीब एक हफ्ते का समय लग सकता है । जिसके कारण राहगीरों की परेशानियां दिनों दिन बढती जा रही है । वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों में इस बात को लेकर आक्रोश पनपता जा रहा कि एन एच ए आई के अधिकारियों के द्वारा राजमार्ग के मरम्मत के नाम पर अपने पिच लोडेड वाहनों ,रोलर आदि धडल्ले से पुल से होकर दिन रात गुजर रहे है ।अलबत्ता यह जरूर है कि एनएचएआई ने जिलाप्रशासन से कुल सत्रह वाहनों को आने-जाने की अनुमति ली है । लेकिन ग्रामीणों ने प्रशासन से एंम्बुलेंस, सहित चार पहिया वाहनों के संचालन की अनुमति प्रदान करने की मांग की है, लोगों का कहना है कि जिलाप्रशासन का यह दोहरा रवैया किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा ।कि एक तरफ संम्बन्धित विभाग के बडे वाहनों को मरम्मत के नाम पर अनुमति दें जबकि दूसरी तरफ मरीजों के वाहनों को पुल से गुजरने की साफ मनाही है, इसको लेकर प्रशासन के आलाधिकारियों पर हल्के वाहनों के संचालन को लेकर दबाव बढता जा रहा है । मालूम हो कि बीते आठ मार्च को हमीद सेतु के ज्वाईंटर 14 की रोलर बेयरिंग खिसक गई थी जिसका मरम्मत का काम 31 मार्च को पूरा कर लिया गया ।उसके बाद वाहनों के संचालन शुरू करने से पहले इंजीनियरों के द्वारा निरीक्षण के दौरान पुन: पीलर एक एवं दो के मध्य ज्वाईंटर एवं स्लैब खिसकने का मामला सामने आते ही तत्काल प्रभाव से वाहनों के संचालन शुरू करने के अपने निर्णय को वापस ले लिया।जिससे की लोगों को काफी निराशा हाथ लगी, वाहनों का संचालन न होने से लोगों को अभी भी पैदल ही आना जाना पड रहा है ।बहुत से राहगीर तो दूसरे सुरक्षित रास्ते एवं नाव से होकर जिलामुख्यालय जाने को मजबूर है । लोगों में इस बात को लेकर भी सुगबुगाहट तेज है कि शायद प्रशासन चुनाव को किसी तरह संम्पन्न कराने के बाद बडे मालवाहक वाहनों के आवागमन पर हमेशा के लिए प्रतिबन्ध लगा दें ।जबकि प्रशासन इसको लेकर कुछ भी साफ बोलने से कतरा रहा है ।क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि राजमार्ग के मरम्मत के नाम पर एन एच ए आई के बडे लोडेड वाहनों को अनुमति देते समय क्या पुल की वर्तमान स्थिति का ख्याल नहीं रखा गया, अगर यह बात सही है तो एन एच ए आई के वाहनों के आते जाते समय अगर उस दौरान कोई हादसा हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी किसके जिम्मे होगी उस समय तो जिलामुख्यालय के दोनों तरफ सैकडों गांवों का संम्पर्क पूरी तरह से टूट जायेगा, जिससे की ग्रामीणों की दैनिक दिनचर्या पूरी तरह से ठप्प हो जायेगी । ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया है कि वाहनों के संचालन को लेकर प्रशासन के आलाधिकारियों से वार्ता कर इसे जल्द चालू कराया जाए जो शायद उनकी मुसीबतों को वह कुछ हद तक दूर कर सके, अब देखना होगा कि नेताओं का ये आश्वासन उन्हें राहत दिला पाता है या फिर वही कोरा आश्वासन साबित होता है यह तो समय ही बतायेगा ।साथ ही लोगों ने संम्बन्धित विभागीय एवं अन्य अधिकारियों को चेताया कि अगर उनकी समस्याओं को देखते हुए पुल को चार पहिया वाहनों एवं एंम्बुलेंस के लिए जल्द नहीं खोला गया तो हम लोग सडक पर भी उतरने को बाध्य होगें जिसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग एवं प्रशासन की होगी । इस मामलें में एनएचएआई वाराणसी के परियोजना निदेशक समर बहादुर सिंह ने कहा कि एक बार फिर सेतु में तकनीकी खराबी आ गई है, कहा कि राजमार्ग के मरम्मत के लिए जिलाप्रशासन से वाहनों के आवागमन के लिए अनुमति ली गई है । वैसे लोगों की समस्याओं को देखते हुए छोटे चार पहिया एवं एंम्बुलेंस के जल्द संचालन को लेकर बात चल रही है जिसे बहुत जल्दी ही अनुमति दे दी जायेगी ।