गाजीपुर।जनपद के राइस मिल मालिकों की बैठक शुक्रवार को जिलाधिकारी के0बालाजी की अध्यक्षता में हुयी। जिसमें काफी संख्या में राइस मिल मालिक मौजूद रहे। इस दौरान जिलाधिकारी ने राइस मिलरों को शासन की मंशा से अवगत कराया वहीं राइस मिलरों ने अपनी समस्याओं को जिलाधिकारी के सम्मुख रखा। लेकिन बैठक बेनतीजा साबित हुई और मिलरों ने हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया।
गाजीपुर राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत कुमार राय ने अपनी मांगे दोहराते हुए कहा कि धान क्रय नीति के अनुसार सरकारी क्रय केंद्र पर क्रय किए धान के सापेक्ष में चावल मिलर को एफसीआई के द्वारा निर्धारित मानकों पर 67 प्रतिशत चावल की डिलीवरी देनी होगी, जबकि प्रतिवर्ष धान के बदलते बीजों के कारण धान में रिकवरी 60 से 62 प्रतिशत ही रह गई है और चावल में टूटन लगभग 45% आती है। वही एफसीआई में 25% से अधिक टूट का चावल स्वीकार नहीं किया जाता है। जिससे मिलरों को सीधे-सीधे लगभग 5% रिकवरी व लगभग 20% टूट का नुकसान होगा, जो लगभग ₹200 प्रति कुंटल आएगा। उन्होंने कहा कि मिलरों को कुटाई के सापेक्ष एफसीआई द्वारा ₹10 प्रति कुंटल कुटाई दी जा रही है जबकि यह गणना वर्ष 1980 के आसपास की है। वर्तमान के दिनों में 1 यूनिट बिजली लगभग ₹9 पड़ती है और एक कुंटल धान कूटने में लगभग 5 यूनिट बिजली खर्च आती है साथ ही लेबर की एक दिन की मजदूरी ₹20 से बढ़कर ₹300 पर दिन हो चुकी है और तत्कालिक अन्य खर्च जैसे कि मिस्त्री, पल्लेदार व डीजल के दरों में भारी बढ़ोतरी हो चुकी है, जिसके कारण कुटाई का खर्च लगभग डेढ़ सौ रुपये प्रति कुंटल आ रहा है, जबकि सरकार द्वारा मात्र ₹10 प्रति कुंटल का भुगतान दिया जा रहा है जिसे धान कूटने पर मिलरों को ₹140 प्रति कुंटल का नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस वर्ष धान व चावल के परिवहन का खर्च भी पहले की अपेक्षा काफी बढ़ चुका है। गाजीपुर राइस मिलर्स एसोसिएशन ने शासन और प्रशासन से इन समस्याओं के बाबत ठोस कदम उठाने की गुहार लगाई है। साथ ही एसोसिएशन इन समस्याओं के निराकरण न होने तक धान कुटाई कार्य नहीं करने का निर्णय लिया है।
इस दौरान एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्रवण कुमार सिंह, महामंत्री सोनू अंसारी, कोषाध्यक्ष अकबर अली, संरक्षक अभय कुमार यादव समेत तमाम राइस मिलर्स मौजूद रहे।