गाजीपुर। पूर्व प्रधानमंत्री युवा तुर्क व अपने राजनीतिक गुरु स्वo चंद्रशेखर सिंह जी की जयंती वाराणसी में पूर्व सांसद व पूर्व कैविनेट मंत्री ओम प्रकाश सिंह के नेतृत्व में हर्षोउल्लास से मनायी गयी।
सर्वप्रथम उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके ब्यक्तित्व व विचारों को आत्मासाध करने की बात कही।श्री सिंह ने कहा कि हम लोग उनसे छात्र राजनीति में ही जुड़ गये थे और उनसे हमेशा कुछ न कुछ सीखते रहते थे।आज उसी का परिणाम है की हम लोग समाज मे कुछ मुकाम हासिल कर पाये। इस मौके पर सभासद व विधानसभा मीडिया प्रभारी प्रमोद यादव, नगर अध्यक्ष सद्दाम खाँ, चंदन सिंह यादव,सगुन रघुवंशी किशन,गौरव पाण्डे,छोटन सिंह,रंजन सिंह कुरुवंशी,अलाऊ बीडीसी,सूर्या सिंह गोलू,संदीप श्रीवास्तव,देवेश सिंह,अभिषेक यादव,अखिलेश पाल, गौतम कुमार गोल्डी,प्रिंस सिंह,संजीत कुशवाहा,राजेश यादव,राजू श्रीवास्तव आदि लोग मौजूद रहे।
गहमर(डा. राणा प्रताप सिंह)। क्षेत्र के स्व चंद्रशेखर जी पूर्व प्रधानमंत्री स्मारक महाविद्यालय रामपुर कनवा सेवराई में युवा तुर्क के नाम से मशहूर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का 92 वां जन्मदिवस धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। वक्ताओं ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम की शुरुवात मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्रबन्धक उमाशंकर सिंह ने चंद्रशेखर जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके लोगो को मिठाई खिलाकर हर्षोउलास के साथ मनायी गयी। महाविद्यालय के सभी शिक्षकों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित की। प्राचार्य नामवर सिंह ने कहाकि देश के प्रथम समाजवादी विचारक युवा तुर्क नेता चंद्रशेखर जी का संघर्षमय जीवन आज के राजनीतिक परिवेश में अत्यंत प्रासंगिक है। शिक्षक दीपक त्रिपाठी ने कहा कि चंद्रशेखर स्वयं एक नेता थे लेकिन अपने कथन में राजनीति के बदलते स्वरुप पर बेबाक बोलते थे। राजनीति में राजनेताओं के मान कम होने से एक सवाल पर उनके विचार कुछ इस तरह के थे- ‘आज राजनीति के दो उद्देश्य रह गये हैं। पहला समाज में लोगों का समर्थन कैसे मिले, कुछ भी, कैसे भी, चाहे गलत करके या सही करके। दूसरा पैसा कैसे मिले। आज की राजनीति भी इन्हीं दो चीजों पर आधारित है, पैसे पर और असरदार लोगों के समर्थन पर। उनके जीवन से हमे सिख मिलती है। इस मौके पर प्रबंधक उमाशंकर सिंह, प्राचार्य डॉ नामवर सिंह, डॉ अरविंद दूबे, डॉ तेजनरायन राय, डॉ धनंजय सिंह, डॉ कृष्णमोहन पांडेय, डॉ हेमंत शुक्ला, डॉ परवेज आलम खान, श्वेता गुप्ता, बृजेश प्रजापति, मुख्य लिपिक सूर्य प्रकाश बिट्टू, मु० परवेज, जितेन्द्र कुमार, दीपक त्रिपाठी, सुनील यादव, दीपक शर्मा, विंध्य पांडे, सुनील मिश्रा इत्यादि लोग मौजूद रहे।