ग़ाज़ीपुर। परिवार नियोजन कार्यक्रम के लिए शासन की ओर से कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसमें कुछ स्थाई साधन तो कुछ अस्थाई साधन के रूप में परिवार नियोजन के लिए उपयुक्त हैं।
इसी को देखते हुए जनपद में परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत पुरुष और महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया जाएगा जिसका कैलेंडर विभाग के द्वारा तैयार किया जा चुका है। यह शिविर 6 मई से 28 मई तक आयोजित किए जाएंगे। प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ॰ केके वर्मा ने बताया कि जिला महिला चिकित्सालय में प्रत्येक सोमवार एवं शुक्रवार को महिला नसबंदी शिविर लगाया जाएगा। वहीं ब्लॉक मोहम्मदाबाद, जखनियां में 6 और 20 मई को, सैदपुर, मरदह और भदौरा में 7 और 21 मई को, देवकली, जमानिया बाराचावर में 16 मई को, मिर्जापुर मनिहारी में 17 मई को और गोडउर ब्लॉक में 28 मई को महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया जाएगा।उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी के लिए विशेष शिविर 8 मई को जिला चिकित्सालय में आयोजित किया जाएगा जिसमें लखनऊ के सर्जन के द्वारा इच्छानुसार लाभार्थियों की नसबंदी की जाएगी।इसके लिए प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी ने जनपद के समस्त अधीक्षक/प्रभारी चिकित्साधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, बीपीएम, बीसीपीएम को निर्देशित किया है कि इन शिविरों को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए लाभार्थियों को मिलने वाली सुविधाओं को प्रदान करें। शिविर में महिलाओं को लाने के लिए आशाओं को निर्देशित किया जा चुका है जिसको लेकर तय तिथि पर आशायें महिलाओं को शिविर स्थल पर पहुंचाएंगी जिन्हें नसबंदी के बाद विभाग के द्वारा चलने वाली 108 एंबुलेंस के माध्यम से घर तक छोड़ा जाएगा। उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ तबरेज ने बताया कि जनपद में साल 2018-19 में कुल 44 पुरुषों की नसबंदी की जा चुकी हैं जबकि महिला नसबंदी की संख्या 7,811 रही है। इसके साथ ही 6,224 महिलाओं ने ‘अंतरा’ तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन का उपयोग किया है जो प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ रहा। इसके साथ ही 2,608 महिलाओं ने कॉपर-टी और प्रसव पश्चात कॉपर-टी का लाभ 3,477 महिलाओं ने लिया है।
उन्होंने बताया कि मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के तहत आने वाले गाज़ीपुर जिले में परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत पुरुष नसबंदी कराने वाले लाभार्थियों को 3000 रुपये जबकि आशा कार्यकर्ताओं को 400 रुपये देय है। वहीं महिला नसबंदी कराने वाली लाभार्थियों को 2000 रुपये और उन्हें लाने वाली आशाओं को 300 रुपये देय है। इसके साथ ही प्रसव पश्चात कॉपर-टी को अपनाने वाली महिलाओं को 300 रुपए का लाभ जबकि इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को 150 रुपए का लाभ दिया जाता है। वहीं अंतरा इंजेक्शन का लाभ उठाने वाली महिलाओं को 100 रुपए जबकि आशा कार्यकर्ताओं को 100 रुपए का लाभ दिया जाता है।