जमानियां। कोतवाली क्षेत्र के ताजपुर मांझा गांव में सोमवार की सुबह करीब 10 बजे अज्ञात कारणों से आग लग गयी। जिसमें 31 रिहायसी झोंपड़ी जल कर राख हो गयी और 16 मवेशी की मौत हो गयी। वही 4 मवेशी झुलस गये। ग्रामीणों एवं दमकल कर्मियों ने कडी मसक्कत के बाद आग पर काबू पाया ।
ग्रामीणों के अनुसार गांव में अज्ञात कारणों से पहले दिनेश यादव के रिहासी झोपडी से आग लगी तो धूआ निकलने लगा। जिसके बाद शोर मचाते हुए ग्रामीण मौके पर पहुचे और अभी कुछ समझ पाते तब तक आग ने विकराल रूप ले लिया और तेज हवा की वजह से एक के बाद एक आग ने 31 रिहायसी झोपडीयों को अपने आगोश में ले लिया। पिडित दिनेश ने बताया कि दो झोपडी,1 भैस, 6 बकरी सहित मर गयी, ज्ञानी की 1 रिहायसी झोपडी, 1 भैस, 1 बछिया जल कर मर गयी, बिरेन्द्र की 2 झोपड़ी, 1 भैस जल कर मर गयीं, देव् मुनि की एक झोपड़ी,1 भैस,1 पड़िया, 4 बकरी आग में जल कर मर गयी, वही दिनेश, बिरेन्द्र की एक-एक बछिया व अमरदेव की एक पड़िया, एक बछिया झुलस गयी। इस आगजनी में श्रीनाथ, सन्तोष, संजय, वृजनिवास, श्याम यादव, सुबाष, रमेश, भीम, सुरेंद्र, उमेश, रामाशीष, वशिष्ट, सूबेदार, राम बिलास, रामधीरज, उपेन्द्र, धर्मेन्द्र, हरेंद्र, सामू, नन्तु, गुड्डू, रामदुलार, रामावतार, ननकू, श्री यादव व झाझु का घर गृहस्थी का सामान जल कर राख हो गया। ग्रामीणों ने घटना की सूचना जिला पंचायत सदस्य बसंत यादव को दी। जिस पर मौके पर पहुंचे बसंत यादव ने तहसील, कोतवाली, दमकल को घटना की सूचना दी और ग्रामीणों का मद्द किया। सूचना पर दमकल कर्मी, कोतवाली प्रभारी दिलीप कुमार सिंह लेखपाल आकांक्षा यादव एवं राजस्व निरीक्षक रबीन्द्र लाल ने मौका मुआयना किया। जिसके बाद रिपोर्ट तैयार कर तहसील में सौंपी। ग्रमीणों ने बताया कि दमकल के मौके पर पहुंचने से काफी राहत मिला और अधिक नुक्सान नहीं हुआ। दमकल नही आती तो और अधिक क्षति होती। वही मौके पर पहुंचे पशु चिकित्सा अधिकारी अरूण सिंह ने सभी मृत पशुओं का परिक्षण किया और रिपोर्ट तैयार कर तहसील को सौंपी। इस संबंध में उपजिलाधिकारी रमेश मौर्य ने बताया कि रिपोर्ट आ गयी है। सभी पिडितों को रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा की धनराशि जल्द ही उनके खाते में भेज दी जाएगी।