ग़ाज़ीपुर। विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर शुक्रवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पर अधिकारियों और कर्मचारियों ने मानव श्रृंखला बनाकर तंबाकू निषेध का संदेश दिया। इसके अलावा जिला चिकित्सालय सभागार में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी अध्यक्षता सिविल जज सुनील कुमार द्वारा की गयी। उन्होने लोगों को तंबाकू से दूर रहने और उससे होने वाले खतरनाक बीमारियों से कैसे बचा जाए, इस पर खुलकर चर्चा की।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ जीसी मौर्य ने कहा कि आज आसपास रहने वाले लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। ऐसे में आज हम सब को इस बात की शपथ लेनी चाहिए ताकि उनको तंबाकू से दूर किया जा सके। उन्होने बताया कि खासकर युवा वर्ग में चबाने वाली तंबाकू को लेकर बहुत अधिक क्रेज बढ़ता जा रहा है वहीं आने वाले समय में यह आदत उनके लिए घातक साबित हो सकती है।इस दौरान अधिवक्ता घनश्याम श्रीवास्तव ने बताया कि तंबाकू एक मीठा जहर है जो लोगों को मौत की तरफ ले जाता है। अगर हम आंकड़ों की बात करें तो पूरे विश्व में 60 लाख लोगों की मृत्यु तंबाकू के कारण हो चुकी है। उस बीमारी का मुख्य कारण तंबाकू में निकोटिन की घातक मात्रा है जिससे कैंसर जैसे घातक रोग होता है।
आयुष्मान भारत के डॉ जितेंद्र दुबे ने लोगों को बताया कि निकोटिन फेंफड़ों को प्रभावित करता है और अल्कोहल लीवर को प्रभावित करता है यानी कि कुल मिलाकर तंबाकू चाहे जिस रूप में ले वह हमारे शरीर को प्रभावित करता है। जो बाद में मौत का कारण बन जाता है।गोष्ठी के उपरांत सभी लोगों के साथ ही जिला अस्पताल में कार्यरत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को तंबाकू से दूर रहने और उसके कुप्रभाव से होने वाले बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने हेतु शपथ दिलाई गयी।इस कार्यक्रम में सीएमएस डॉ एसएन प्रसाद, सरदार दर्शन सिंह, डॉ तपीश, डॉ दिलीप कुमार गुप्ता सहित जिला अस्पताल में तैनात कर्मचारी और जिला मलेरिया कार्यालय के कर्मचारी मौजूद रहे।