गहमर।वाराणसी स्थित बी.एच.यू इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ राजीव श्रीवास्तव तथा असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ मृदुला जायसवाल के नेतृत्व में सात सदस्यीय दल क्षेत्रीय इतिहास दर्शन तथा शोध कार्य हेतु रविवार को जनपद ग़ाज़ीपुर के दिलदारनगर गाँव स्थित अल् दीनदार शम्सी म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी पहुँचा।
लाइब्रेरी क्यूरेटर कुँअर मुहम्मद नसीम रज़ा ख़ाँ से मुलाक़ात किया। लाइब्रेरी और संग्रहालय में संग्रहित सैकड़ों मुग़ल कालीन फ़ारसी फ़रमानों, पाण्डुलिपियों, दस्तावेज़ों, हजारों ब्रिटिश कालीन स्टाम्प पेपर्स, प्राचीन पुरावशेषों एंव मध्य कालीन से लेकर वर्तमान तक के सिक्के तथा नोटों, हजारों शादी निमंत्रण पत्रों, क्षेत्रीय महापुरुषों के चित्रों, 786 अंकित सामानों आदि का अवलोकन किया। गाँव के ऐतिहासिक धरोहरों में मुहम्मद दीनदार ख़ाँ कोट, पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्मित अल् दीनदार शम्सी म्यूज़ियम बिल्डिंग, शाही दीनदारिया मस्जिद ईदगाह, शाही कुआँ हौज़ टंकी, कब्रिस्तान मुहम्मद दीनदार ख़ाँ का मज़ार स्थल और उनके घोड़े की कब्र आदि का भ्रमण किया। बादशाह औरंगजेब के दत्तक पुत्र मुहम्मद दीनदार ख़ाँ के भाई दानिश ख़ाँ की शाही फरमान फरजन्दनामा, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि संजोये, परगना ज़मानियां के जागीरदार कुँअर नवल सिंह/मुहम्मद दीनदार ख़ाँ संस्थापक दिलदारनगर, मुहम्मद बहरमंद ख़ाँ फौजदार परगना चैनपुर, चौसा, नव आबाद कस्बा दीनदार नगर में 1707 ई० की जंग, लूट पाट में 30 हिन्दु-मुस्लिम की हत्या, सेवराई आदि गाँव पर 1711ई० के हमले में शहीद मुहम्मद बहरमंद ख़ाँ आदि साथियों की हत्या से जुड़े सैकड़ों मुग़ल कालीन शाही दस्तावेज़ों को देखकर डॉ राजीव श्रीवास्तव का दल आश्चर्यचकित रहा तथा हैरानी जताते हुए कहा कि अब तक यहां के पाण्डुलिपियों को इतिहासकारों ने ऐतिहासिक पुस्तकों में दर्ज न कर इतिहास के साथ अन्याय किया है। यहां के संग्रह राष्ट्रीय धरोहर हैं। इस पर आगे शोध कार्य किया जाएगा तथा मुहम्मद दीनदार ख़ाँ आदि भाईयों की जीवन शैली जो जन्म से हिन्दू धर्म से मुस्लिम तथा कर्म से इन्सान रहे हैं, उनके ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित कारनामों, मध्य कालीन क्षेत्रीय घटनाओं पर सविस्तार चर्चा किया। डॉ मृदुला जायसवाल ने कुँअर नसीम रज़ा के द्वारा संग्रह की सराहना करते हुए संग्रहालय एवं पुस्तकालय के संग्रहित सामानों को देख कर अद्भुत तथा मध्य कालीन इतिहास के विद्यार्थीयों के लिए सबसे उपयोगी बताया। बी.एच.यू.का इतिहास विभाग का यह दल आगे शोध कार्य पुरा कर ऐतिहासिक पुस्तकें प्रकाशित करेगा। ताकि बादशाह औरंगजेब लगायत महारानी विक्टोरिया तक के इतिहास से लोग रूबरू हों सकें। इस दल में वाराणसी की चर्चित समाजसेविका, मुस्लिम महिला फाउंडेशन की अध्यक्ष, मदरसा शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश सरकार की सदस्य नाजनीन अंसारी भी मौजूद रहीं। शोध छात्रों में धनंजय यादव, शिवेन्द्र कुमार सिंह तथा विशाल भारत संस्थान की सदस्य ताजीम भारतवंशी, खुशी भारतवंशी मौजूद थे अंत में अल् दीनदार शम्सी म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी के संरक्षक मुहम्मद करीम रज़ा ख़ाँ ने सभी आये हुए इतिहास प्रेमियों का आभार प्रकट किया।