दिलदारनगर। अल दीनदार शम्सी म्यूजियम एण्ड लाइब्रेरी, दिलदारनगर के संस्थापक कुंवर मोहम्मद नसीम रजा खान को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने राष्ट्रीय दस्तावेज संरक्षण सम्मान दिया है।
वाराणसी में आयोजित बनारस मुस्लिम अधिवेशन में प्रख्यात विचारक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने यह सम्मान कुंवर मोहम्मद नसीम को उनके वर्षों से धरोहरों को संरक्षित करने के लिए प्रदान किया। कुंवर मोहम्मद नसीम रजा लम्बे अर्से से दस्तावेज के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। वे स्वयं मुगल जागीदार कुंवर नवल सिंह उर्फ दीनदार खान के 10वीं पीढ़ी के वंशज हैं। उन्होंने म्यूजियम और लाइब्रेरी की स्थापना कर सिक्कों से लेकर फरमान तक का संग्रह किया है।मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने बनारस मुस्लिम अधिवेशन में मुसलमानों की जड़ों की तलाश के अभियान की शुरूआत की। इसमें इतिहासकारों, समाजशास्त्रियों और सामाजिक कार्यकत्र्ताओं ने दस्तावेज और प्रमाणों के आधार पर मुस्लिम जड़ों को तलाश करने की योजना पर कार्य शुरू किया। कुंवर मोहम्मद नसीम रजा खान ने अपनी जड़ों को न सिर्फ तलाश किया बल्कि 300 वर्षों से चले आ रहे राजपूतों और मुस्लिमों के भावनात्मक रिश्तेदारी को भी सहेजने का भी काम किया है।बी0एच0यू0 के इतिहासकार डा0 राजीव श्रीवास्तव ने कहा है कि ‘कुंवर नसीम के दस्तावेजों के संरक्षण से मुस्लिम जड़ों के भारतीय होने के पक्के सबूत हैं। जड़ों की तलाश से हर मुसलमान को अपने पूर्वजों के बारे में न सिर्फ जानकारी मिलेगी बल्कि उनकी रिश्तेदारियां भी निकलेंगी, जिससे वे एक दूसरे के और करीब आयेंगे। जड़ों से जुड़ने के आंदोलन में नसीम रजा के दस्तावेज मील के पत्थर साबित होंगे। कुंवर नसीम के सम्मान पाने से दिलदारनगर के सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों एवं बुद्धिजीवियों ने हर्ष व्यक्त किया है।